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बदहाली का शिकार है लखनऊ का ये PHC, लैब असिस्टेंट की गैरहाजिरी से नहीं हो पा रही टेस्टिंग

लखनऊ के काकोरी इलाके का एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ इसलिए नहीं खुलता क्योंकि यहां पर तैनात लैब असिस्टेंट 8 सालों से कही और ड्यूटी पर है. बार-बार चिट्ठी लिखने के बाद उसकी तैनाती नहीं की जा रही है.

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काकोरी इलाके का फतेहगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
काकोरी इलाके का फतेहगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 8 साल से दूसरी जगह ड्यूटी कर रही है लैब असिस्टेंट
  • लैब असिस्टेंट की तैनाती के लिए बार-बार लिखी गई चिट्ठी

उत्तर प्रदेश में कोरोना से हाहाकार मचा है..गांव में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के चलते हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इसके बावजूद गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की कोशिश नहीं की जा रही है. लखनऊ के काकोरी इलाके का एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ इसलिए नहीं खुलता क्योंकि यहां पर तैनात लैब असिस्टेंट 8 सालों से कही और ड्यूटी पर है.

काकोरी इलाके का फतेहगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाली का शिकार है. पीएचसी पर आने वाले मरीजों की ना तो टेस्टिंग हो पा रही है, सैंपलिंग हो पा रही है और ना ही कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग. यह शिकायत काकोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक ने एक बार फिर सीएमओ लखनऊ से की है. फतेहगंज पीएचसी में तैनात लैब असिस्टेंट सुनीता स्वास्थ्य भवन में संबद्ध है, जिनकी संबद्धता खत्म करने के लिए चिकित्सा अधीक्षक ने सीएमओ को दूसरी बार चिट्ठी लिखी है. 

काकोरी की फतेहगंज पीएचसी की बदहाली की यह कोई ना तो पहली चिट्ठी है और ना ही लैब असिस्टेंट को पीएचसी भेजने की पहली गुहार. इससे पहले 2 फरवरी 2021 को उन्नाव के बीजेपी विधायक पंकज गुप्ता और सहारनपुर से बीजेपी सांसद कीरत सिंह भी इलाके की जनता के स्वास्थ्य को लेकर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य से लेकर डीजी हेल्थ को तक चिट्ठी लिख चुके हैं.

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इससे पहले सीएचसी अधीक्षक ने 19 अक्टूबर 2020 को भी सीएमओ लखनऊ को लैब असिस्टेंट की संबद्धता खत्म करने के लिए पत्र लिखा था. सांसद-विधायक की चिट्ठी के बाद फतेहगंज पीएचसी की बदहाली को लेकर जांच कमेटी भी गठित की गई. ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ बीके वर्मा ने 2 फरवरी 2021 को जांच रिपोर्ट में सौंपी.

कमेटी की जांच में भी पाया गया कि फतेहगंज पीएचसी की लैब असिस्टेंट 4 सालों से स्वास्थ्य भवन में संबध है, जिसके बाद जांच कमेटी ने सम्बद्धता खत्म करने और पीएचसी पर लैब असिस्टेंट की तैनाती सुनिश्चित करने की भी सिफारिश की गई. पीएचसी पर लैब असिस्टेंट को भेजने की इस छठवीं चिट्ठी पर जब प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के सबसे बड़े अफसर डीजी हेल्थ डीएस नेगी से पूछा गया तो जवाब था कि अब तक अधीक्षक की यह चिट्ठी उनके सामने नही आई है.

हालांकि डीजी हेल्थ को इससे पहले 5 दिसंबर को भी सीएमओ लखनऊ ने लैब असिस्टेन्ट की सम्बद्धता खत्म करने की चिट्ठी लिखी थी, जिसपर कोई फैसला नहीं हुआ और अब इस मामले में छठवां पत्र सीएमओ लखनऊ को भेजा गया है.

 

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