सहालग में अच्छी कमाई का झांसा देकर तीन युवक एक रिक्शा चालक को बहकाकर आर्य समाज मंदिर ले गए. वहां अजनबी युवती के साथ गवाहों की मौजूदगी में बाकायदा उसकी शादी कराई, फिर दुल्हन को साथ लेकर फरार हो गए.
यह अजीबोगरीब मामला शनिवार को जब लखनऊ के अलीगंज थाने में आया तो पुलिस वाले भी अचरज में पड़ गए. एसओ अलीगंज श्यामबाबू शुक्ला ने बताया कि सीतापुर के कमलापुर थाने के जैतनपुर निवासी रिक्शा चालक रामकरन 29 सितंबर को चौक क्षेत्र में पक्का पुल के पास सवारी का इंतजार कर रहा था. तभी बाइक सवार तीन लोग पहुंचे और रामकरन को सहालग में अच्छा काम करने का झंसा देकर सिविल कोर्ट ले गए.
वहां से एक वकील को साथ लेकर पुरनियां स्थित आर्यसमाज मंदिर पहुंचे. फिर फोन करके एक युवती को बुलाया और रामकरन को बताया कि उसे युवती से शादी करनी है. रामकरन सकपकाया तो बदमाशों ने उसे जुबान न खोलने की धमकी दी और मंदिर के भीतर ले जाकर दोनों की शादी करवा दी. दूल्हा-दुल्हन को अलग-अलग बाइक पर बैठाकर आर्यसमाज मंदिर वाली गली से सड़क पर आए. वहां रामकरन को बाइक से उतारा और एक हजार रुपये देकर रास्ता पकड़ने को कहा.
इतना ही नहीं दुल्हन ने भी उसे सौ रुपये दिए और बाइक सवार लोगों के साथ चली गई. घर लौटे रामकरन ने अपने पिता झब्बूलाल को मामले की जानकारी दी. बेटे की कहानी सुनकर घटना में किसी साजिश के संदेह पर उसके पिता ने थाने में शिकायत की.
अजीबोगरीब खेल में फंसे रामकरन ने बताया कि उससे शादी करने वाली लड़की का नाम राजलक्ष्मी बताया गया था. उसके साथ तीन वकीलों के भी नाम बताए. रामकरन का कहना है कि बेमेल जोड़ा देखकर आर्यसमाज मंदिर के संचालक संकल्प मिश्रा ने टोका था लेकिन वकीलों ने दबाव बना शादी करा दी. रामकरन की कहानी पर विश्वास नहीं कर पा रही पुलिस ने आर्यसमाज मंदिर में तहकीकात की. उसमें गवाहों के नाम, पते और मोबाइल नंबर फर्जी थे.