नवाबों का शहर लखनऊ भी अब मेट्रो ट्रेन सेवा वाले शहरों की श्रेणी में शामिल हो चुका है. सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल राम नाईक की मौजूदगी में मंगलवार को औपचारिक तौर पर लखनऊ मेट्रो सेवा की शुरुआत की गई. सीएम योगी आदित्नाथ द्वारा लखनऊ मेट्रो के उद्घाटन से पहले इसका श्रेय लेने के लिए अखिलेश यादव ने सियासी वॉर छेड़ दिया. वैसे अखिलेश यादव ने इस प्रोजेक्ट को भले ही जमीन पर उतारने का काम किया हो, लेकिन लखनऊ मेट्रो का सपना मायावती ने देखा था.
मायावती ने ख्वाब देखा
दरअसल लखनऊ मेट्रो लाने का ख्वाब यूपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने देखा था. 2007 से 2012 के बीच जब वह सूबे की मुख्यमंत्री थीं तो 2011 में उन्होंने पहल करते हुए दो बार लखनऊ मेट्रो की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार को भेजी थी. इस प्रोजेक्ट को उस समय मंजूरी नहीं मिल सकी थी.
अखिलेश ने जमीन पर उतारा
लखनऊ मेट्रो का ख्वाब भले ही मायावती ने देखा हो, लेकिन उसे जमीन पर उतारने का काम अखिलेश राज में हुआ था. अखिलेश यादव के दौर में लखनऊ मेट्रो को मंजूरी मिली. ये अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल हो गया था. यही वजह थी कि इस सपने को पूरा करने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. लखनऊ मेट्रो परियोजना की शुरुआत 2013 में अखिलेश यादव सरकार ने की थी और 2017 में ये पूरी हो गई. विधानसभा चुनाव से पहले लखनऊ मेट्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह से तैयार भी नहीं हुआ था कि अखिलेश यादव ने महज दो मेट्रो स्टेशन के बीच मेट्रो का उद्घाटन कर दिया.
विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने लखनऊ मेट्रो को लेकर पूर्ववर्ती सपा सरकार पर निशाना साधा था. बीजेपी ने सवाल किया था कि लखनऊ में मेट्रो अभी भी क्यों नहीं चल रही है. लखनऊ मेट्रो को लेकर राजनीतिक बयानबाजी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि परियोजना को मेट्रो रेलवे सुरक्षा की ओर से सुरक्षा मंजूरी मिलनी बाकी है. उनका आरोप था कि केन्द्र मंजूरी में विलंब कर रहा है. इसीलिए मेट्रो संचालन नहीं हो पा रहा. उद्घाटन से पहले अखिलेश ने ट्वीट करके कहा था इंजन तो पहले ही चल दिया था अब केवल डिब्बा बाकी है.
इंजन तो पहले ही चल दिया था...डिब्बे तो पीछे आने ही थे. pic.twitter.com/QUjWbqRo1p
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 4, 2017
योगी ने काटा फीता
सीएम योगी आदित्यनाथ , केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल राम नाईक की मौजूदगी में मंगलवार को फीता काटकर औपचारिक तौर पर लखनऊ मेट्रो सेवा की शुरुआत की गई. इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि लखनऊ मेट्रो के लिए सस्ता लोन दिलाने के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया.
योगी के उद्घाटन करने से पहले अखिलेश ने अपने दौर में किए गए उद्धाटन का फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किया. इसके बाद योगी और अखिलेश में लखनऊ मेट्रो का श्रेय लेने का सियासी वॉर छिड़ गया. एसपी कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर में पोस्टर से जरिए ये बताना चाहा कि लखनऊ मेट्रो अखिलेश यादव की देन है.लखनऊ मेट्रो को आसान किस्तों पर लोन दिलाने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को कोटि कोटि धन्यवाद।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 5, 2017
दरअसल ऐसा ही वॉर उस समय भी छिड़ा था जब दिल्ली मेट्रो का आगाज हुआ था. दिल्ली मेट्रो का पूरा श्रेय शीला दीक्षित ले गई थीं, जबकि दिल्लीवासियों के लिए मेट्रो का ख्वाब तत्कालीन मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना ने देखा था. खुराना के दौर में ही दिल्ली मेट्रो की शुरुआत की गई थी लेकिन शीला दीक्षित ने उसे जमीन पर उतारकर सपना साकार किया था.