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...और अब लखनऊ में भी दौड़ेगी मेट्रो

देश की अन्य राजधानियों की तरह लखनऊ में मेट्रो रेल चलाने का निर्णय लिया गया है. इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की कवायद तेज हो गई है. मेट्रो का सपना हकीकत की जमीन पर उतारने की तैयारियां जोरों पर है. 2012-2013 के बजट में इसके लिए 250 करोड़ रुपयों का इंतजाम किया गया है. विश्व बैंक भी मेट्रो रेल चलाने के लिए 5,500 करोड़ रुपए देने को तैयार हो गया है.

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देश की अन्य राजधानियों की तरह लखनऊ में मेट्रो रेल चलाने का निर्णय लिया गया है. इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की कवायद तेज हो गई है. मेट्रो का सपना हकीकत की जमीन पर उतारने की तैयारियां जोरों पर है. 2012-2013 के बजट में इसके लिए 250 करोड़ रुपयों का इंतजाम किया गया है. विश्व बैंक भी मेट्रो रेल चलाने के लिए 5,500 करोड़ रुपए देने को तैयार हो गया है.

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शहरों की आबादी बढ़ने से सड़कों पर यातायात का दबाव भी लगातार बढ़ रहा है. यातायात की समस्या के समाधान के लिए कई शहरों में मेट्रो चलाने की लगातार मांग उठ रही है. पहले लखनऊ में मेट्रो सेवा शुरू की जा रही है और फिर इसके बाद अन्य शहरों में भी इसका विस्तार किए जाने की योजना है. लखनऊ मेट्रो की डी.पी.आर. समेत अन्य शुरूआती तैयारियों के लिए बजट में 250 करोड़ रुपयों का बन्दोबस्त किया गया है. बड़े शहरों में बेहतर और विश्वसनीय यातायात व्यवस्था की मांग को देखते हुए सबसे पहले लखनऊ में मेट्रो चलाने का निर्णय लिया गया है.

लखनऊ के सभी प्रमुख स्थानों के पास मेट्रो उपलब्ध कराने की योजना है. नए प्रस्ताव में पीजीआई, गोमती नगर विस्तार, चिनहट, राजाजीपुरम से सहारा अस्पताल, सीतापुर रोड पर इंजीनियरिंग कॉलेज तक, पॉलीटेक्निक चैराहे से पत्रकारपुरम चैराहे के लिए भी मेट्रो लिंक प्रदान किया जाएगा. मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए नोडल एजेंसी लखनऊ विकास प्राधिकरण ने शासन को स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) के गठन के लिए प्रस्ताव भेजा है.

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एलडीए के उपाध्यक्ष राजीव अग्रवाल बताते हैं कि शहर में कहीं भी भूमिगत मेट्रो नहीं चलेगी. ओवरहेड का ही प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. एलडीए ने मेट्रो परियोजना के लिए कम्पनी का गठन जरूरी बताया है. यह कम्पनी मेट्रो के निर्माण से जुड़े सारे कामकाज देखेगी. इसके लिए एलडीए और डीआरएम लगातार सम्पर्क में हैं और उसकी कॉरपोरेशन के साथ कई बैठकें हुई हैं। वित्तीय मामले तय होते ही मेट्रो परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि इस परियोजना में लगभग पांच वर्ष लग जाएंगे. मेट्रो का और अधिक विस्तार करने का भी प्रस्ताव है। प्रारंभिक चरण में लगभग 100 किलोमीटर मेट्रो चलाने की योजना है. सभी प्रमुख अस्पतालों, विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, पीजीआई, प्रमुख बाजारों, रेलवे व बस स्टेशनों के पास मेट्रो ट्रेन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

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