यूपी उर्दू अकादमी उर्दू भाषा या उर्दू माध्यम से पढ़ रहे लोगों को सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कराएगी. सिर्फ यूपी ही नहीं, देश भर से ऐसे जरूरतमंद लोगों को चुनकर अकादमी परिसर स्थित भवन में बनने वाले स्टडी सेंटर में पढ़ाया जाएगा. इसके लिए परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों को प्रवेश परीक्षा से गुजरना होगा.
उसके बाद विशेषज्ञ चुने हुए लोगों को पढ़ाएंगे. पहले बैच में 55 से 60 लोगों को चुने जाने की तैयारी है. बैच में मुस्लिम छात्र ही नही गैर मुस्लिम छात्र भी शिक्षा पा सकेंगे. शिक्षार्थियों से कोई फीस नहीं ली जाएगी. शुक्रवार को उप्र उर्दू अकादमी के चेयरमैन डॉ. नवाज देवबंदी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि 'उर्दू आईएएस स्टडी सेंटर' में प्रदेश के ही नहीं देश के किसी भी कोने से दाखिला लेकर छात्र सिविल सेवाओं की परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे. यह देश का ऐसा पहला सेंटर होगा, जो उर्दू विषय या माध्यम से पढ़ने वालों को सिविल सेवा की तैयारी कराएगा.
डॉ. नवाज के अनुसार बीते दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और नगर विकास मंत्री आजम खान से मिलकर इसका प्रस्ताव रखा था. इस पर सीएम ने हरी झंडी दे दी. पहले चरण में इसके बजट के लिए तीन करोड़ रुपये की मांग रखी गई थी. सरकार ने एक करोड़ रुपये का बजट पास कर दिया है. दो महीनों में अकादमी परिसर में ही इस स्टडी सेंटर का पहला बैच शुरू हो जाएगा.