उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिटबुल डॉग के हमले में 80 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद लखनऊ नगर निगम ने पिटबुल को कब्जे में ले लिया था. वहीं पिटबुल के लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया था. नगर निगम की टीम ने पहुंचकर पिटबुल को जब्त कर लिया था. लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों का इस मामले में कहना था कि पिटबुल के लाइसेंस को कैंसल कर उसे जब्त कर लिया गया.
पिटबुल को स्पेशल केज में रखा गया है. उसके स्वभाव पर रिसर्च करने के लिए चार लोगों के पैनल का गठन किया गया है, जो यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि आखिर पिटबुल ने अपनी मालकिन को क्यों मार डाला. अपनी मालकिन पर हमला कर उनकी जान ले लेने वाले पिटबुल को पिंजरे में कैद रखा गया है, जिसके चलते वह काफी असहज दिखा. मालिक की मां पर जानलेवा हमला करने के बाद अब वह पिंजरे में बंद है. मालिक अमित त्रिपाठी उसके साथ नहीं हैं. एसी रूम में रहने वाले पिटबुल को कटघरे में रखा गया है. पिटबुल के खाने का समय हुआ तो नगर निगम की ओर से उसे नार्मल डॉग मील दिया गया, जिसमें दूध, बिस्किट और दाल रोटी शामिल थी, लेकिन पिटबुल ने उसे नहीं खाया.
जानकारी के मुताबिक, मादा पिटबुल को फिर पेडिग्री दी, जिसे उसने थोड़ा सा खाकर बर्तन में ही छोड़ दिया. नगर निगम के पशु चिकित्सा कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि बीते कल की शाम को पिटबुल डॉग ने नॉर्मल डॉग मील को नहीं खाया था. इसके बाद उसे रात में चिकन की चार लेगपीस दी गईं थीं, जिसे उसने आराम से खा लिया था. आज सुबह भी चिकन दिया गया, जिसमें से चार लेगपीस उसने खाईं. हालांकि पिटबुल अभी सहमा और घबराया दिख रहा है, उसमें आक्रामकता नहीं देखी गई. शायद मालिक से दूर रहने की वजह से वह एक सामान्य डॉग की तरह ही दिख रहा है.
बता दें कि मंगलवार सुबह लखनऊ के बंगाली टोला इलाके में पिटबुल के हमले में उसकी मालकिन 80 साल की सुशीला की मौत हो गई थी. मृतका सुशीला की पड़ोसी नलिनी ने कहा था कि पिटबुल के हमले की घटना इतनी खतरनाक है कि अब हम लोगों को डर लग रहा है, हम दहशत में जी रहे हैं.