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लखनऊ: परफॉर्मेंस की समीक्षा में नपे पुलिसकर्मी, 3 दारोगा, 7 कांस्टेबल जबरन रिटायर

लखनऊ कमिश्नरेट में नियुक्त ऐसे अराजपत्रित कर्मचारी जो 31 मार्च 2020 को 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं अथवा जिनकी आयु इससे अधिक है. पुलिस विभाग ऐसे कर्मचारियों के काम की समीक्षा कर रहा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- पीटीआई)
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 3 दारोगा समेत 11 पुलिसकर्मी किए गए जबरन रिटायर
  • 'पुलिस विभाग की संस्कृति के अनुकूल नहीं कार्यदक्षता'
  • 50 पार सरकारी कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा जारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 की उम्र पार कर चुके 11 पुलिसकर्मियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर दिया है. ये पुलिसकर्मी लखनऊ कमिश्नरेट में कार्यरत थे. यूपी पुलिस ने इन पुलिसकर्मियों के काम की समीक्षा की थी. लखनऊ कमिश्नरेट के मुताबिक इन पुलिसकर्मियों और कर्मचारियों की कार्यदक्षता पुलिस विभाग की संस्कृति के अनुकूल नहीं है. 

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जिन 11 सरकारी कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है उनमें  3 सब इंस्पेक्टर, 7 कांस्टेबल और 1 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल है. 

बता दें कि लखनऊ कमिश्नरेट में नियुक्त ऐसे अराजपत्रित कर्मचारी जो 31 मार्च 2020 को 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं अथवा जिनकी आयु इससे अधिक है. पुलिस विभाग ऐसे कर्मचारियों के काम की समीक्षा कर रहा है. 

इसके लिए यूपी सरकार और पुलिस के आदेश के आधार पर एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया था. 

यूपी पुलिस ने कहा है कि ऐसे समस्त कार्मिकों से सर्विस रिकॉर्ड और उनकी कार्य क्षमता का गहनता से अध्ययन किया गया. इसके बाद कमेटी की सिफारिश के आधार पर उपनिरीक्षक पद स्तर के 3, आरक्षी स्तर के 7 और चतुर्थ श्रेणी पद स्तर के 1 कार्मिक को 24 नवंबर 2020 से अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है.  

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बता दें कि राज्य सरकार 50 साल से अधिक आयु वाले कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा कर रही है. अपेक्षित रिजल्ट नहीं देने वाले कर्मचारियों की राज्य सरकार अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे रही है. इस बाबत मुख्य सचिव आरके तिवारी की ओर से जारी आदेश में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों और सचिवों से 50 वर्ष की आयु पार कर चुके स्टाफ के कामकाज की समीक्षा करने को कहा गया था.

 

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