एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर से बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की अपील कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस देश में कई बेटियां या तो दहेज के लिए मारी जा रही हैं या फिर उन्हें इस संसार में आने से पहले ही मार दिया जा रहा है. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के लखनऊ का है जहां एक मां को सिर्फ इसलिए जला कर मार दिया गया क्योंकि वो एक बेटी को जन्म देने वाली थी. इस दिल-दहला देने वाली घटना से पूरा शहर स्तब्ध है.
ये दर्दनाक घटना लखनऊ के आलमबाग इलाके की है. गड़ी किनौरा की रहने वाली अरमान खातून का निकाह साल 2013 में एलडी कॉलोनी के रहने वाले अकील नाम के शख्स से हुआ था. शादी के कुछ महीने बाद तक तो दोनों की गृहस्थी बड़े आराम से चली. इस दौरान अरमान प्रेग्नेंट हो गई. लेकिन जब उसके पति और ससुराल वालों के ये पता चला कि अरमान एक लड़की को जन्म देने वाली है तो वो अरमान पर अबॉर्शन कराने का दबाव बनाने लगे. इस दौरान अरमान का पति उसके पेट पर लात घूंसों से वार भी करता था.
जब इतने से भी अरमान अबॉर्शन के लिए तैयार नहीं हुई तो उसके पति ने उसे जिंदा जला दिया. बुरी तरह झुलसी अरमान अस्पताल में चार दिनों तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ती रही. इसी दौरान उसने पेट में पल रही प्यारी सी बच्ची को जन्म भी दिया. लेकिन दोनों की हालत इतनी खराब थी कि मां और बच्ची में से किसी को भी बचाया नहीं जा सका. अरमान ने मरते-मरते पुलिस को अपना बयान भी दिया.
हालांकि अरमान के घरवाले पुलिसवालों पर ये आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस का रवैया ठीक नहीं है और अब तक उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है. समाज को झकझोर कर रख देने वाली ये घटना जहां समाज के मुंह पर एक जोरदार तमाचा है वहीं पुलिस की कार्यशैली पर भी यह घटना कई सवालिया निशान लगा रही है. फिलहाल घटना के 14 दिन बाद भी पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.