लखनऊ के मोहनलालगंज में महिला के साथ हुए रेप के मामले में पुलिस का दावा गलत साबित हुआ है. फॉरेंसिक रिपोर्ट में महिला से गैंगरेप की पुष्टि हुई है. महिला के नाखूनों में एक से अधिक लोगों के डीएनए मिले हैं. इसका मतलब हुआ कि वारदात में एक से अधिक लोग शामिल थे.
शनिवार को फॉरेंसिक रिपोर्ट सामने आने के बावजूद पुलिस मामले में लीपापोती करने में जुटी है. फॉरेंसिक रिपोर्ट में जांच के उलट मिल रहे सबूतों पर एसएसपी प्रवीण कुमार ने कहा कि अभी 7 में सिर्फ दो रिपोर्ट आई हैं. फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि यह रिपोर्ट पुलिस जांच के उलट है.
गौरतलब है कि हाल में एडीजीपी सुतपा सान्याल ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि महिला से दुष्कर्म नहीं बल्कि इसकी कोशिश हुई थी. और वारदात में सिर्फ एक ही शख्स शामिल था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी यही बात कही गई थी.
क्या है पूरा मामला?
लखनऊ में मोहनलालगंज के बलसिंहखेड़ा गांव स्थित प्राइमरी स्कूल में 16 जुलाई को एक महिला का शव मिला था. उसके कपड़े झाड़ियों में पड़े थे. उस पर 12 जगह धारदार हथियार से वार किया गया था. प्राइवेट पार्ट्स पर भी वार किए गए थे. इस मामले में पुलिस ने स्कूल के सिक्योरिटी गार्ड रामसेवक यादव को आरोपी बताकर सिर्फ उसे ही गिरफ्तार किया है.
महिला के परिजन धरने पर
मोहनलालगंज में दुष्कर्म और हत्या की शिकार महिला के परिजन छह दिन से धरने पर हैं. उनकी मांग है कि मामले की सीबीआई जांच कराई जाए. पीड़िता के दो बच्चों के साथ धरने पर बैठे उसके देवर ने कहा, 'हम चाहते हैं कि जांच सीबीआई को सौंपी जाए. हम मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं, लेकिन लगता नहीं कि वे इसके लिए तैयार हैं.'