यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में एक 42 साल की महिला का रोबोट के माध्यम से सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. इसके साथ ही लखनऊ का पीजीआई रोबोट के जरिए सफल किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला यूपी का पहला अस्पताल बन गया है. नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी और एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के डॉक्टर ने मिलकर किडनी का सफल ट्रांसप्लांट किया.
पीजीआई की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक बाराबंकी की रहने वाली 42 साल की महिला का किडनी ट्रांसप्लांट रोबोटिक सर्जरी के जरिए किया गया. रोबोटिक सर्जरी, रिनल ट्रांसप्लांटेशन और यूरोलॉजी के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर अनीश श्रीवास्तव ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए किडनी चाहिए थी. मरीज की 66 साल की मां ने अपनी बेटी के लिए एक किडनी दान कर दी.
उन्होंने बताया कि किडनी मिलने के बाद रोबोटिक सर्जरी के जरिए किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. डॉक्टर श्रीवास्तव ने कहा कि अच्छी बात यह है कि मरीज और उसके लिए किडनी दान करने वाली महिला, दोनों ही स्वस्थ हैं. उन्होंने कहा कि दोनों को अभी 10 से 12 दिन तक अस्पताल में ही रहने की सलाह दी गई है. यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष अनीश श्रीवास्तव ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी के जरिए किडनी ट्रांसप्लांट करने में करीब चार से पांच घंटे लगे. उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी के जरिए किडनी ट्रांसप्लांटेशन की पूरी प्रक्रिया की निगरानी पीजीआई के डायरेक्टर आरके धीमान ने की.
मरीज की दोनों किडनी थी खराब
पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर नारायण प्रसाद ने इस संबंध में बताया कि साल 2019 में ये महिला ओपीडी में खुद को दिखाने के लिए आई थी. जांच में पाया गया कि महिला की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं. किडनी खराब होने के कारण शरीर में फिल्टरेशन नहीं हो पा रहा था और बीमारी बढ़ने लगी. बीमारी बढ़ता देख डायलिसिस की प्रक्रिया शुरू कर दी गई और घर वालों को ये बता दिया गया कि किडनी ट्रांसप्लांट किए बगैर मरीज की स्थिति में सुधार नहीं हो सकता. मरीज को इसी तरह आगे भी डायलिसिस पर रहना पड़ेगा.
डॉक्टर प्रसाद के मुताबिक मरीज के परिजन किडनी ट्रांसप्लांट के लिए तैयार हो गए और 42 साल की मरीज को उसकी मां ने एक किडनी देने की बात कही. किडनी देने की सहमति के बाद मरीज की बुजुर्ग मां की तमाम जांच की गई, जिसमें हीमोग्लोबिन, शुगर भी था. जब सब कुछ ठीक पाया गया तब डोनर से किडनी लेकर मरीज में ट्रांसप्लांट किया गया. अस्पताल प्रशासन का दावा है कि रोबोटिक सर्जरी के जरिए किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला पीजीआई यूपी का पहला अस्पताल है.