उत्तर प्रदेश की सियासत में में भूचाल लाने वाली समाजवादी पार्टी पिछले 72 घंटों से आपसी कलह से जूझ रही है. किसी बाहरी की वजह से पार्टी में बवाल मचा हुआ है. चाचा-भतीजा सब अपनी मनमानी करने में जुटे हुए हैं. किसी का विभाग छीना जाता है, तो किसी को कोई नई जिम्मेदारी से नवाजा जाता है.
इनमें से कुछ फैसले 'सरकार' चलाने वाला अपने मन से लेता है और कुछ इधर-उधर की कानाफूसी से. लेकिन जब भी इस पार्टी की बात आती है तो शहंशाह एक ही होता है और उसका हुक्म न मानने की जुर्रत कोई नहीं कर सकता. और जब वो 'बॉस' तुरुप का पत्ता चलता है तो उसके आगे सब नतमस्तक हो जाते हैं, सारे विद्रोह दम तोड़ देते हैं और सभी एकजुट होकर एक ही सपना देखने लगते हैं...भारी बहुमत से 2017 का विधानसभा चुनाव फतह करने का. आइए जानें सपा में 'जो नेताजी कहेंगे' वो हर काम करने वाले शिवपाल यादव की गुरुवार दोपहर 2 बजे हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस की 30 बड़ी बातें.
हम सब साथ साथ हैं....
1. हम सबको एक रहना चाहिए.
2. हमें फिर से अपनी सरकार बनानी है.
3. विभागों पर फैसला सीएम का है.
4. मुलायम सिंह को कोई चुनौती नहीं दे सकता.
5. सबको जोड़ने से संगठन को मिलेगी मजबूती.
जोड़ने से मिलेगी मजबूती....
6. मुलायम सिंह ही सब कुछ हैं.
7. हमें जोड़ने से मजबूती मिलेगी तोड़ने से नहीं.
8. हमारी पार्टी में किसी की हैसियत नहीं है जो नेताजी की बात की नकार दे.
9. मुझे सब कुछ स्वीकार है.
10. नेताजी का हर फैसला सर्वोपरि है.
मुझे नहीं किया जा रहा है टारगेट....
11. अभी मुझे बहुमत लाना है. कौन सीएम बनेगा अभी यह महत्वपूर्ण नहीं.
12. मुझे टारगेट नहीं किया जा रहा है.
13. मुझे सब पर भरोसा है.
14. दूसरों की बातों पर ज्यादा ध्यान न दें. आप दूसरों की बातों पर थोड़ा बुद्धि तो लगाइए.
15. सबके विचार एक जैसे नहीं होते.
....तो सभी नहीं बन जाएंगे सीएम
16. अगर सभी के विचार एक जैसे हो जाए तो सब सीएम और नेता जी हो जाएं.
17. सभी शिवपाल यादव भी नहीं हो सकते.
18. नेताजी से पोर्टफोलियो के बाबत राय नहीं ली गई होगी. ऐसा मुझे भी लगता है.
19. नेताजी के लिए हम हर कुर्बानी देने को तैयार हैं.
20. जो नेताजी बोलेंगे वही होगा.
अपने काम से मतलब रखें माया
21. मायावती की राय से हमारी पार्टी नहीं चलेगी. मुलायम के संन्यास लेने पर बोले शिवपाल.
22. हमारे कार्यकर्ताओं में जोश और आ गया.
23. हमारे में कोई अंदरूनी कलह नहीं चल रही है.
24. मैं अभी भी बत्ती वाली गाड़ी में चल रहा हूं.
25. अभी तो मैं मंत्री हूं ही. बहुत से लोग तो बिना मंत्री के बत्ती लगाए हुए हैं.
हमारे लिए विभाग जरूरी नहीं.....
26. विभागों से बड़ी जिम्मेदारी संगठन की है. मुझे सरकार बनानी है.
27. अब हमारे लिए विभाग जरूरी नहीं है.
28. जब मेरे पास राजस्व था तब मैंने अभियान छेड़ दिया था कब्जेवालों पर.
29. मैंने स्पष्ट कर दिया था कि कोई भी चाहे जितना बड़ा हो, नहीं बच पाएगा.
30. हम दोनों चला सकते हैं. सरकार और संगठन. मेरे पास लंबा अनुभव है.