
लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ हुए प्रदर्शन में मुख्य भूमिका निभाने वाली सैयद उजमा परवीन को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया है. उजमा ने आरोप लगाया है कि वो झंडा फहराना चाहती थीं लेकिन उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया. उन्होंने सवाल किया है कि उनको झंडा फहराने का हक नहीं है क्या जो उनकी आजादी पर पाबंदी लगाई जा रही है.
उजमा ने पुलिस पर आजादी छीनने का आरोप लगाते हुए कहा है कि बिना किसी क्राइम के हाउस अरेस्ट करना दमनकारी नीति है. उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया है कि 5 बजे से ही उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया. आखिर कोई बताएगा कि मेरी गलती क्या है? उजमा ने ये भी सवाल किया कि कौन सा क्राइम किया है. 15 अगस्त देश की आजादी का दिन है और मुझे इस तरह से घर में कैद करके रखा गया है.
सैयद उजमा परवीन ने ये भी कहा कि क्या मेरा अधिकार नहीं है झंडा फहराने का? ये अधिकार मुझसे हर बार क्यों छीना जा रहा है. जब हमने हाउस अरेस्ट के संबंध में पुलिसकर्मियों से पूछा तो उन्होंने ये बताया कि आला अफसरों ने निगरानी में रखने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि आखिर यूपी सरकार मेरे साथ ये जुल्म क्यों कर रही है. ऐसा क्या किया है, मुझे किस जुर्म की सजा मिल रही है.
इस संबंध में डिप्टी पुलिस कमिश्नर (डीसीपी) पश्चिम सोमेन वर्मा ने कहा कि किसी को भी बिना परमिशन के किसी सार्वजनिक स्थल पर ध्वज फहराने की इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को बातचीत के जरिए रोका गया है. डीसीपी ने कहा कि अगर कोई कहीं ध्वज फहराना चाहता है तो उसे परमिशन लेनी होगी. गौरतलब है कि लखनऊ के थाना सहादतगंज क्षेत्र की रहने वाली सैयद उजमा ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ घंटाघर पर हुए प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई थी.