उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब राज्य के मदरसों पर पूरी निगरानी का मन बना रही है, यही वजह है कि सरकार के अल्पसंख्यक विभाग ने एक आदेश जारी कर मदरसों के लिए बने पोर्टल पर तमाम जानकारियों को भेजना अनिवार्य कर दिया है. राज्य के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों को सरकारी साइट पर रजिस्टर कराना अनिवार्य कर दिया गया है.
आदेश में कहा गया है कि मदरसों के सभी शिक्षकों, छात्रों और टीचिंग स्टाफ का पूरा विवरण इस पोर्टल पर देना होगा. इसके अलावा मदरसों की गूगल मैपिंग होगी और हर कमरे की जानकारी, तस्वीरें और मदरसा बिल्डिंग की भी पूरी जानकारी इस वेबसाइट पर डालना जरूरी होगा.
योगी सरकार मदरसों का आधुनिकीकरण और हाईटेक बनाने की कोशिश को इसके पीछ की वजह बता रही है लेकिन असल वजह मदरसों में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकना है. सरकार ने आदेश में साफ लिखा है कि इस नए कदम से और पोर्टल पर तमाम जानकारियों के आने से मदरसों में व्याप्त भ्रष्टाचार रुकेगा. वहां फर्जी शिक्षक, फर्जी टीचिंग स्टाफ और फर्जी छात्रवृत्ति पर रोक लगेगी और सरकार पारदर्शी तरीके से मदरसों को चला सकेगी.
अल्पसंख्यक राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा योगी सरकार जल्द ही मदरसों में एनसीईआरटी करिकुलम को शामिल करेगी. मदरसों का नाम हिंदी और इंग्लिश में भी लिखे जाने पर मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई सरकारी ऑर्डर जारी नहीं हुआ है लेकिन सरकार यह जरुर चाहती है कि तमाम मदरसों के नाम हिंदी और इंग्लिश में लिखे जाएं ताकि आम आदमी भी उसे पढ़ सके.
सरकार के मंत्री इसे मदरसों की निगरानी नहीं मान रहे, मंत्री बलदेव सिंह औलख का कहना है कि इसे गलत परिपेक्ष में नहीं देखा जाए बल्कि मदरसों को और पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं और जरूरत पड़ी तो और भी कदम उठाए जाएंगे.