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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद से लगातार यह सवाल उठ रहा है कि बाघम्बरी मठ की गद्दी का अगला उत्तराधिकारी कौन होगा? इसी बीच महंत नरेंद्र गिरि की वसीयत सामने आई है. इसमें बलबीर गिरि को बाघम्बरी मठ का उत्तराधिकारी बनाने की बात कही गई है.
क्या है वसीयत में?
वसीयत में महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा है कि जब तक मैं जीवित रहूंगा, या पूर्ण स्वेच्छा से पद को त्याग नहीं देता बाघम्बरी गद्दी का महंत रहूंगा. मैं महंत के सभी अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करता रहूंगा. लेकिन मेरे ब्रह्मलीन होने के बाद या स्वेच्छा से पद त्यागने पर बाघम्बरी गद्दी का उत्तराधिकारी बलबीर गिरि होंगे. उनके पास समस्त स्वामित्य और अधिकार होंगे और वे धार्मिक कर्तव्यों का पालन करेंगे.
महंत नरेंद्र गिरि ने बनवाई 3 वसीयतें
इससे पहले नरेंद्र गिरि के वकील ऋषि शंकर द्विवेदी ने बताया था कि महंत ने 2010 से 2020 के बीच में 3 वसीयत बनवाई थीं. आखिरी यानी 2020 में बनी वसीयत में बलबीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाया गया है. नरेंद्र गिरी ने 7 जनवरी 2010 को पहली वसीयत करवाई थी. इसमें उन्होंने बलबीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाया था. 29 अगस्त 2011 को दूसरी वसीयत में बलबीर की जगह आनंद गिरि को उत्तराधिकारी बनवाया था.
पिछले साल लिखी आखिरी वसीयत
महंत नरेंद्र गिरि ने 4 जून 2020 को तीसरी और आखिरी वसीयत की थी. इसमें उन्होंने फिर बलबीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाया था. बलवीर को बाघम्बरी की संपत्ति का अकेला उत्तराधिकारी बनाया गया था. उन्होंने दोनों वसीयत रद्द करवा दी थीं.