अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की जांच की जा रही है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नरेंद्र गिरि का शव उनके मठ के कमरे में ही मिला था. नरेंद्र गिरि के शव को पहली बार देखने वाले और फांसी के फंदे से उतारने वाले सर्वेश द्विवेदी ने आजतक से बातचीत की है.
चश्मदीद सर्वेश द्विवेदी का कहना है कि जो सुसाइड नोट सामने आया है, वह महंत नरेंद्र गिरि द्वारा ही लिखा गया था. सर्वेश ने बताया कि उन्होंने ही महंत जी के शव को नीचे उतारा था.
सर्वेश द्विवेदी का कहना है कि जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि का शव मिला, उसका दरवाजा अंदर से बंद था और धक्का मारने के बाद ही वो दरवाजा खुल पाया. इसी के बाद अपने साथियों के साथ वो कमरे में गए.
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‘हनुमान मंदिर के पुजारी को डांटा था’
गेट खुलने के बाद की स्थिति को बताते हुए सर्वेश द्विवेदी ने कहा कि जब कमरा खुला तो महंत जी की आंखें चढ़ी हुई थीं. सर्वेश दिवेदी ने आज तक को बताया कि कुछ दिन पहले नरेंद्र गिरी ने हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उसके बेटे को किसी हेराफेरी के मामले को लेकर डांटा था. साथ ही आनंद गिरि से विवाद होने के बाद भी नरेंद्र गिरी खुश नहीं थे और यही कहा करते थे उसने मुझे दुखी कर रखा है और मैं इसकी वजह से बहुत परेशान हूं.
गौरतलब है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को मौत हो गई. नरेंद्र गिरि के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें आनंद गिरि के अलावा अन्य कुछ लोगों का नाम था.
प्रयागराज पुलिस इस मामले में आनंद गिरि को हिरासत में ले चुकी है, साथ ही लेटे हनुमान मंदिर के दो पुजारियों को भी हिरासत में लिया गया है. पुलिस अब तीनों से पूछताछ करेगी, साथ ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.