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उप्र : महोबा में छात्राओं ने बनाई 10 फुट लंबी 'तिरंगा राखी'

भारत को हमेशा से विभिन्न प्रकार की सभ्यताओं वाला देश माना गया है यहां सभी तीज त्योहार अपनी कुछ पारंपरिक मान्यताओं के हिसाब से मनाए जाते है. इन्ही त्योहारों  से अगर हम पर्यावरण को बचाने का संदेश दें तो ये हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक वरदान की तरह साबित हो सकता है. एसा ही संदेश उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में  राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) की छात्राओं और शिक्षिकाओं ने मिलकर दिया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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भारत को हमेशा से विभिन्न प्रकार की सभ्यताओं वाला देश माना गया है यहां सभी तीज त्योहार अपनी कुछ पारंपरिक मान्यताओं के हिसाब से मनाए जाते है. इन्ही त्योहारों  से अगर हम पर्यावरण को बचाने का संदेश दें तो ये हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक वरदान की तरह साबित हो सकता है. एसा ही संदेश उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में  राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) की छात्राओं और शिक्षिकाओं ने मिलकर दिया है.

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की शिक्षिकाओं और छात्राओं ने मिलकर 10 फुट लंबी पर्यावरणीय तिरंगा राखी बनाई है, जिसके जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया है. राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) की प्राधानाचार्या सरगनम खरे ने अपने स्कूल की छात्राओं और शिक्षिकोओं की इस पहल पर कहा कि "वृक्ष हमारे भाई हैं, इन्हें बचाया न गया तो समाज भी नहीं बच पाएगा। यह पर्यावरणीय तिरंगा राखी बुधवार को महोबा शहर के आल्हा चौक पर खड़े सबसे बुजुर्ग पीपल के वृक्ष को बांधी जाएगी।". प्रधानाचार्या ने आगे कहा कि छात्राओं  द्वारा बनाई गई  इस राखी में विभिन्न पेड़-पौधों की आकृति उकेरी गई है और खास बात यह है कि फूल-पत्तियों से ही राखी बनाई गई है.  लोग वृक्ष लगाना आसान समझते हैं, लेकिन उन्हें संरक्षित करना भी बेहद जरूरी है."

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उत्तर प्रदेश  के सूखाग्रस्त इलाकों मे से एक महोबा बुंदेलखंड का हिस्सा है इस इलाकें में पूरे साल पानी की गंभीर समस्या रहती है . इसलिए इस  इलाके से पर्यावरण संरक्षण का संदेश आना हम सभी के लिए गर्व की बात है और एक सीख भी है कि पर्यावरण का संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है और पर्यावरण संरक्षण हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है.    

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