यौन उत्पीड़न के मामले में जोलधुपर जेल में बंद आसाराम के खिलाफ कोर्ट में गवाही देने वाले मुख्य गवाह कृपाल सिंह की शनिवार देर रात मौत हो गई. शुक्रवार शाम अज्ञात हमलावरों की गोलीबारी में कृपाल सिंह बुरी तरह घायल हो गए थे.
हमले में बुरी तरह घायल कृपाल सिंह को शाहजहांपुर से बरेली रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है, लेकिन अब तक कोई आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है. पुलिस के मुताबिक, कृपाल के शव का पोस्टमार्टम रविवार को कराया जाएगा.
कृपाल सिंह आसाराम के कई आश्रमों में सेवादार थे और बलात्कार के मामले में आसाराम के खिलाफ गवाह भी था. इसके पहले भी आसाराम केस से जुड़े दो गवाहों की हत्या की जा चुकी है, जबकि कइयों को धमकी भी मिल रही थी.
पीडि़ता की आपबीती
वहीं, आसाराम पर रेप का आरोप लगाने वाली लड़की ने अपनी आपबीती सामने रखी है. पीड़िता ने बताया कि वह आसाराम को तब से जानती है, जब उसके माता-पिता ने उससे दीक्षा ली थी. आजतक से खास बातचीत में पीड़िता ने कहा, 'पहली बार आसाराम ने मेरे साथ जोधपुर आश्रम में ऐसा किया था. आसाराम के साथ हर वक्त उसके खास गुर्गे होते थे. इनमें शिवा भाई और दूसरे लोग शामिल हैं.'
'आसाराम ने कुटिया पर बुलाया और...'
आसाराम ने पीड़िता को धमकी दी थी कि अगर उसने किसी से भी इस संबंध में कुछ कहा तो वह उसके माता-पिता को नुकसान पहुंचाएगा. पीड़िता ने बताया कि घटना वाली रात उसे दूध पीने के लिए दिया गया था. उसे रात में आसाराम ने कुटिया में बुलाया था और वहीं, उसके साथ जबरदस्ती की.
पीड़िता ने बताया कि वह कृपाल सिंह को जानती है. पीड़िता और उसके परिवार ने मामले से जुड़े गवाहों पर हमले और उनकी हत्या की सीबीआई जांच की मांग की है.