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वाराणसी, आगरा और मथुरा में बीजेपी को झटका, कैंटोनमेंट बोर्ड चुनाव में मिली करारी हार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के आम चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद गुजरात की वडोदरा सीट को छोड़ दिया और वाराणसी को गले लगाया. वाराणसी के लोगों ने भी उन्हें पूरा सहयोग और प्यार दिया. लेकिन करीब 8 महीने बाद जनवरी में वाराणसी से बीजेपी और स्वयं मोदी के लिए बुरी खबर है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के आम चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद गुजरात की वडोदरा सीट को छोड़ दिया और वाराणसी को गले लगाया. वाराणसी के लोगों ने भी उन्हें पूरा सहयोग और प्यार दिया. लेकिन करीब 8 महीने बाद जनवरी में वाराणसी से बीजेपी और स्वयं मोदी के लिए बुरी खबर है.

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वाराणसी के छावनी परिषद के चुनाव 11 जनवरी को हुए थे. लगभग 25 हजार आबादी वाले छावनी क्षेत्र के 15 हजार वोटरों ने बीजेपी के सातों उम्मीदवारों को सिरे से नकार दिया. बीजेपी को मिली इस करारी हार के बाद मोदी के विरोधी उन पर निशाना साधने में पीछे नहीं रहेंगे.

हालांकि ये भी एक बड़ी बात है कि यहां की जनता ने किसी भी राजनीतिक दल में भरोसा नहीं जताया और सातों सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों की विजयी हुए. बीजेपी जहां अपनी हार स्वीकार कर रही है वहीं जीते हुए उम्मीदवार खुशी मना रहे हैं और इस जीत को सबसे बड़ी जीत मान रहे हैं. वहीं आम वोटर भी स्थानीय मुद्दों पर आम प्रत्याशियों के साथ खड़ा है.

बता दें कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में होने वाला ये चुनाव बीजेपी के लिए सम्मान की लड़ाई बना हुआ था, प्रत्याशियों के साथ बैनरों पर भी मोदी ही थे, मगर नतीजे आए तो मोदी का जादू फुस्स और जनता के मुद्दे प्राथमिकता पर आ गए.

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आगरा, मथुरा कैंटोनमेंट बोर्ड चुनाव में भी बीजेपी को झटका
आगरा और मथुरा कैंटोनमेंट बोर्ड चुनाव में भी बीजेपी को करारा झटका लगा है. बीजेपी आगरा कैंटोनमेंट बोर्ड की आठ में से सिर्फ एक सीट पर और मथुरा की सात में से सिर्फ दो सीट पर ही जीत दर्ज करा पाई. दोनों स्थानों के लिए रविवार को मतदान कराए गए थे. आगरा कैंटोनमेंट बोर्ड चुनाव के नतीजे रविवार रात और मथुरा के सोमवार सुबह घोषित किए गए.

आगरा का चुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न था, क्योंकि बीजेपी पहली बार यहां से चुनाव लड़ रही थी और पिछले चुनावों में उसने निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन दिया था. बीजेपी सांसद और केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री राम शंकर कठेरिया ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था.

आगरा में निर्दलीयों ने सात सीटों पर जीत दर्ज की. निर्दलीय उम्मीदवार पंकज महेंद्रू लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे. एकमात्र महिला उम्मीदवार सीमा राजपूत को जीत हासिल हुई, वह भी निर्दलीय उम्मीदवार हैं.

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