कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के पास एक युवक की ट्रेन से कटकर मौत हो गई. जब जीआरपी ने इस जानकारी मृतक के परिजनों ने दी, तो परिजनों का जवाब था, 'अप्रैल फूल मत बनाओ, यह वाकया एक बार नहीं, बल्कि 4 बार हुआ है. 'ट्रेन से कटकर 5 रेलकर्मियों की मौत
परिजन शव की शिनाख्त तक करने मौके पर नहीं पहुंचे और न ही उन्होंने किसी को मौके पर भेजा. करीब तीन घंटे तक परिजन 'अप्रैल फूल' के दिन बेवकूफ न बनने के चक्कर में अपने बेटे की मौत को मजाक समझते रहे. आखिर हारकर बाद में जीआरपी ने शव को हैलट अस्पताल स्थित मार्चरी भेज दिया. पांच घंटे बाद परिजनों को बेटे की मौत का विश्वास हो पाया. दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री की ट्रेन से कटकर मौत
मामला गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन के पास का है, जहां से कुछ दूरी पर बुधवार शाम को एक युवक का गर्दन कटा शव ट्रैक पर पड़े होने की सूचना जीआरपी को मिली. जीआरपी के सिपाही और एसआई जीतेन्द्र सिंह मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर उसकी तलाशी ली, जिसमें युवक की पेंट की जेब में एक फोन मिला, जिसमें घर के नाम से फीड नंबर था. उस नंबर पर जीआरपी ने फोन मिलाया, तो युवक की पहचान हो सकी. ईयरफोन लगाकर ट्रैक पार करते शख्स की ट्रेन से कटकर मौत
जीआरपी इंस्पेक्टर त्रिपुरारी पाण्डेय ने बताया, 'रेलवे ट्रैक पर एक युवक ने सुसाइड कर लिया था. हमारी पुलिस घरवालों को सूचना देती रही कि लड़का कट गया है, लेकिन वे कहते रहे कि भैया अप्रैल फूल न बनाओ.'