गोरखपुर के एक होटल में कानपुर के जिस प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत हुई थी, उनके परिजन आखिरकार शव का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गए हैं. परिवार ने यह रजामंदी प्रसाशन की तरफ से मिले आश्वासनों के बाद दी है. मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने बुधवार रात को बताया कि मजिस्ट्रेट उनसे मिलने आए थे, जिन्होंने भरोसा दिया था कि सीएम योगी आदित्यनाथ उनके परिवार से मिलेंगे, जिनके सामने वह अपनी मांगें रख सकती हैं. मजिस्ट्रेट ने ही मनीष के परिवार को अंतिम संस्कार के लिए राजी किया.
कानपुर डीएम विशाख अय्यर के मुताबिक आज गुरुवार को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मनीष के परिजनों से मुलाकात कर सकते हैं.
पुलिसवालों के खिलाफ 302 के तहत केस दर्ज
बता दें कि कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर की हत्या के मामले में आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया है. प्रॉपर्टी डीलर की हत्या के मामले में 3 पुलिसकर्मियों समेत कुल 6 लोगों पर गोरखपुर के थाना रामगढ़ताल में आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया. इसमें रामगढ़ताल एसओ जेएन सिंह, अक्षय मिश्रा उपनिरीक्षक, उपनिरीक्षक विजय यादव और 3 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज हुआ है.
जिस होटल में मेरे पति की हत्या हुई उस होटल का लाइसेंस रद्द होना चाहिए और सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि होटल का मालिक फिर से कहीं और होटल ना बनाए. मैं होटल के खिलाफ भी केस करूंगी. होटल का मालिक अच्छा नहीं है. होटल का मालिक हमारे साथ सहयोग नहीं कर रहा है.
आरोप है कि पुलिसवाले होटल के कमरे में पूछताछ के लिए घुसे थे, उनका कहना था कि वह किसी अपराधी की तलाश में हैं. इसी दौरान कहासुनी के बाद मारपीट हुई, जिसके बाद मनीष गुप्ता (38 साल) की मौत हुई.
परिवार ने की हैं तीन मांग
मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने सरकार के समाने तीन मांग रखी हैं. इसमें केस को कानपुर में ट्रांसफर करना, 50 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी शामिल है. इसके साथ-साथ पत्नी की मांग है कि मौत के बदले मौत की सजा ही दी जाए. मीनाक्षी ने केस में CBI जांच की मांग की है. कानपुर के डीएम विशाख का कहना है कि अबतक परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है. आगे की मांगों पर उच्च अधिकारी फैसला लेंगे.
पुलिसवालों का वीडियो वायरल
केस में कुछ वीडियोज भी सामने आ रहे हैं. एक वीडियो में पुलिसवाले पीड़ित परिवार से मिलने के दौरान उनको समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोर्ट में यह मामला लंबा खिंचता जाएगा. सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में अधिकारी समझा रहे हैं कि किस तरह से पुलिसवालों का परिवार बर्बाद हो जाएगा, वह एफआईआर न करें. उन्हें नौकरी का प्रलोभन भी दिया जा रहा है.