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लव जिहाद अध्यादेश पर योगी सरकार के समर्थन में आए 224 पूर्व जज और अफसर

योगी सरकार का समर्थन करने वाले गुट ने पहले गुट के लोगों को राजनीति से प्रेरित बताया है. साथ ही कहा है कि इन लोगों ने लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए व्यक्तियों और उनके पद पर हल्की टिप्पणी की है.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कहा- योगी को संविधान की सीख देना गलत
  • एक दूसरे गुट ने कानून रद्द करने की मांग की थी
  • अब पिछली चिट्ठी का जवाब दिया गया है

उत्तर प्रदेश के लव जिहाद अध्यादेश पर 224 पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों और पूर्व जजों के एक गुट ने योगी सरकार का समर्थन किया है. हाल ही में एक दूसरे गुट ने यूपी की योगी सरकार के खिलाफ चिट्ठी जारी की थी, जिसके जवाब में ये पत्र लिखा गया है.

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योगी सरकार का समर्थन करने वाले गुट ने पहले गुट के लोगों को राजनीति से प्रेरित बताया है. साथ ही कहा है कि इन लोगों ने लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए व्यक्तियों और उनके पद पर हल्की टिप्पणी की है.

बता दें कि 30 दिसंबर को 104 पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने उत्तर प्रदेश सरकार पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाया था. साथ ही लव जिहाद कानून रद्द करने की मांग की थी. सोमवार को सामने आई चिट्ठी में पिछली चिट्ठी का जवाब दिया गया है.

पत्र में लिखा गया है कि यूपी के मुख्यमंत्री को संविधान दोबारा सीखने की सलाह देना गैर जिम्मेदाराना बयान है, जो लोकतांत्रिक संस्थानों का अपमान करता है. ऐसा पहली बार नहीं है जब इसी गुट ने संसद, चुनाव आयोग यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट की छवि को धक्का पहुंचाने का काम किया हो. यूपी का अध्यादेश सभी धर्मों के लोगों पर लागू होता है.

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आगे कहा गया है कि ये सही प्रावधान है कि अगर धर्मांतरण के उद्देश्य से विवाह किया गया हो तो इसे पारिवारिक न्यायालय या किसी एक पक्ष की याचिका पर खारिज किया जा सकता है. यह अध्यादेश महिला के सम्मान की रक्षा करता है. केवल एक घटना के आधार पर टिप्पणी करना गलत है. ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए था. 


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