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पिता-पुत्र के दंगल के बीच पार्टी के बड़े नेता कर सकते हैं किनारा...

समाजवादी पार्टी के भीतर और यादव फैमिली के भीतर जारी आपसी खींचतान और जोर आजमाइश से पार्टी के कई कद्दावर और जिताऊ नेता एक के बाद एक पार्टी से किनारा करने लगे हैं. जो नेता कभी पार्टी के लिए अहम और जिताऊ साबित हुआ करते थे वे अपने दूसरे ठिकाने तलाशने लगे हैं.

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समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी

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मुलायम-अखिलेश के बीच लंबी खिंचती चली जा रही घमासान के बीच असली चोट समाजवादी पार्टी पर लगती दिख रही है. यादव फैमिली की इस आपसी खींचतान और जोर आजमाइश से पार्टी के कई कद्दावर और जिताऊ नेता एक के बाद एक पार्टी से किनारा करने लगे हैं. जो नेता कभी पार्टी के लिए अहम और जिताऊ साबित हुआ करते थे वे अपने दूसरे ठिकाने तलाशने लगे हैं.

राजा भैया के बीजेपी का दामन थामने के कयास...
कुंडा के राजा और बाहुबली माने जाने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने पहले निर्दलीय लड़ने का ऐलान किया और फिर रविवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर ली. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वे एक या दो दिनों में बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. राजा भैया के साथ दो और विधायक बीजेपी में जा सकते हैं.

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इससे पहले आगरा के बाह से विधायक और पूर्व मंत्री राजा महेंद्र अरिदमन सिंह और उनकीं पत्नी रानी पक्षालिका ने भी शनिवार को बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में ठाकुरों और रजवाड़ों की राजनीति में अच्छी दखल मानी जाती है. पिछले कुछ दिनों में समाजवादी पार्टी से जुड़े कई ऐसे नेताओ ने बीजेपी का रुख किया है. ऐसे में इसे समाजवादी पार्टी के लिए भारी झटका कहा जा सकता है.

इतना ही नहीं मुलायम और शिवपाल यादव के खासमखास और करीबी माने जाने वाले ओम प्रकाश सिंह और नारद राय भी पिता-पुत्र के अलग-अलग लड़ने की सूरत में चुनाव से पल्ला झाड़ सकते हैं. ओम प्रकाश सिंह के करीबी सूत्रों के मुताबिक अगर साइकिल सिम्बल जब्त हो गया तो दोनों नेता अपनी राह अलग चुन सकते हैं.


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