मथुरा के नंद मंदिर में नमाज पढ़ने वाले आरोप फैसल खान ने कहा है कि धोखे से नमाज नहीं पढ़ी थी. सबके सामने नमाज पढ़ी. वहां कई लोग मौजूद थे. किसी ने मना नहीं किया. नमाज पढ़कर कोई साजिश नहीं की है. सद्भावना के लिए नमाज पढ़ी थी. एफआईआर के सवाल फैसल खान ने कहा कि ये केस राजनीतिक कारणों दर्ज हुआ है.
आजतक से बातचीत में फैसल खान ने कहा कि रसखान की कब्र भी मथुरा में है, उनसे बड़ा कृष्ण भक्त कौन है. अगर मंदिर प्रांगण में मैंने नमाज पढ़ ली तो क्या हुआ. हमनें वहां पूछकर नमाज पढ़ी थी. जो फोटो वायरल हुई वो हमने तो किया नहीं है.
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण हमारी सद्भवना यात्रा छोटी थी. हम चार लोग थे. मंदिर प्रांगण में हमने पूछकर नमाज पढ़ी थी. वहां लोग मौजूद थे, अगर कोई डांटता तो हम क्यों वहां नमाज पढ़ते. फैसल खान ने कहा कि हमारी सद्भावन यात्रा सफल रही क्योंकि इसमें रूकावट आ गई.
बता दें कि मथुरा के नंद मंदिर में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. मंदिर में धोखे से नमाज पढ़ने का आरोप लगा है, इस मामले में चार लोगों पर केस दर्ज किया गया है.आरोप है कि 29 अक्टूबर को मथुरा के नंद बाबा मंदिर में चार लोग आए. इनमें से दो लोगों ने मंदिर के सेवायतों को गुमराह कर मंदिर परिसर में ही नमाज पढ़ी. इस मामले में धारा 153A, 295, 505 के तहत बरसाना थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
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ये शिकायत मंदिर प्रशासन की ओर से ही दर्ज कराई गई है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली से दो लोग मंदिर में आए थे. दोनों मुस्लिम लोगों ने बिना इजाजत के मंदिर परिसर में नमाज पढ़ी और अपने फोटो सोशल मीडिया पर डाल दिए जो वायरल हो गए. एफआईआर में कहा गया है कि इनको फोटो डालने से हिन्दू समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं और आस्था को गहरी ठेस पहुंची है.