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मथुरा में वृंदावन कुंभ, तीन अखाड़ों का ऐलान- यमुना का पानी साफ होने तक नहीं करेंगे शाही स्नान

इन अखाड़ों ने शाही स्नान के बहिष्कार की वजह यमुना के दूषित पानी को बताया और साथ ही यह भी कहा कि जब तक यमुना नदी का पानी साफ नहीं हो जाता, वे शाही स्नान नहीं करेंगे.

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यमुना का पानी प्रदूषित होने की बात कही (प्रतीकात्मक तस्वीर)
यमुना का पानी प्रदूषित होने की बात कही (प्रतीकात्मक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महानिर्वाणी अखाड़े के प्रमुख ने किया ऐलान
  • कहा- प्रशासन ने किया था साफ पानी का वादा
  • साफ होगा यमुना का पानी, तभी करेंगे शाही स्नान

मथुरा में इन दिनों वृंदावन कुंभ चल रहा है. देश के तीन अखाड़ों ने वृंदावन कुंभ के दौरान 9, 13 और 25 मार्च को शाही स्नान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. इन अखाड़ों ने शाही स्नान के बहिष्कार की वजह यमुना के दूषित पानी को बताया और साथ ही यह भी कहा कि जब तक यमुना नदी का पानी साफ नहीं हो जाता, वे शाही स्नान नहीं करेंगे.

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शाही स्नान के बहिष्कार का ऐलान अयोध्या के महा निर्वाणी अखाड़ा के प्रमुख महंत धर्म दास ने किया. एजेंसियों के मुताबिक महंत धर्मदास की ओर से जिस समय शाही स्नान का बहिष्कार करने का ऐलान किया गया, उस समय दो अन्य वैष्णव अखाड़ों- महा निर्मोही और महा दिगंबर अखाड़े के प्रमुख भी उनके साथ मौजूद थे. दोनों अखाड़ों के प्रमुखों ने भी महंत धर्मदास की बात से सहमति व्यक्त की.

महंत धर्म दास ने कहा कि हम शाही स्नान के दौरान यमुना में पवित्र डुबकी तभी लगाएंगे जब पानी साफ हो. उन्होंने दावा किया कि मथुरा के जिला प्रशासन ने वादा किया था कि गंगा से अतिरिक्त जल छोड़कर वृंदावन कुंभ के दौरान देवरहा घाट पर साफ पानी का इंतजाम किया जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. महंत धर्म दास ने यमुना में पवित्र डुबकी लगाने के बाद प्रदूषण को लेकर आलोचना की.

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वृंदावन कुंभ को सकुशल संपन्न कराने के लिए तैनात यूपी सरकार के अधिकारी नागेंद्र प्रताप ने कहा कि शाही स्नान के लिए निकले संतों का तीनों अखाड़ों के प्रमुखों ने नेतृत्व किया था. शाही स्नान के लिए निकले संतों पर फूल की पंखुड़ियों की भी बारिश की गई. गौरतलब है कि वृंदावन कुंभ के दौरान तीन शाही स्नान अभी होने हैं. ये शाही स्नान 9 मार्च, 13 मार्च और 25 मार्च को हैं.

 

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