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लखनऊ: मदरसे के मौलाना ने दो बच्चों के पैर में जंजीर बांधकर लगाया ताला, जानें क्या है पूरा मामला

एसएचओ ने बताया कि बच्चे के पिता ने मौलाना से कहा था कि अगर यह शैतानी करता है तो जरूरत पड़ने पर उसे बांध कर रखा जाए, जिसके चलते मौलाना ने ऐसा किया. परिजनों ने यह भी बताया कि वे मौलाना के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते हैं.

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बच्चे के पैर में बंधी जंजीर और लगा ताला.
बच्चे के पैर में बंधी जंजीर और लगा ताला.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बच्चों के घर वालों ने मौलाना से कहा था- सख्ती से निपटें: SHO
  • बच्चों ने कहा- पढ़ाई में मन नहीं लगता, इसलिए भागे

लखनऊ के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के एक मदरसे में दो बच्चों के पैरों में जंजीर बांधकर ताला लगाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि मदरसे में पढ़ाई के दौरान दोनों बच्चे भाग जाते थे. जानकारी के मुताबिक, जंजीर से बांधे गए बच्चों का वीडियो एक ग्रामीण ने बना लिया और इस संबंध में पुलिस को सूचना दी. जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चों को जंजीरों से मुक्त कराकर मौलाना को हिरासत में लिया. 

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गोसाईगंज के एसएचओ ने बताया कि बच्चों के परिजन पढ़ाई के लिए दोनों छात्रों को मदरसे में छोड़ गए थे. एक बच्चा यहीं गोसाईगंज का जबकि दूसरा बच्चा बाराबंकी जिले का रहने वाला है. चार दिन पहले दोनों बच्चे पढ़ाई छोड़कर मदरसे से भाग गए थे. इसके बाद मौलाना ने इनको ढूंढकर उनके माता-पिता को इसकी जानकारी दी. मौलाना से दोनों बच्चों के माता-पिता ने कहा कि इन शरारती बच्चों को सख्ती करके अपने पास रखिए और हम मदरसे आ रहे हैं. 

गोसाईगंज के थानाध्यक्ष ने बताया कि दोनों बच्चों के माता-पिता मदरसा पहुंचे और मौलाना से कहा कि बच्चों को सुधारने के लिए वह इनके साथ कड़ाई से निपटे. इसी क्रम में शुक्रवार को जब दोनों बच्चे पढ़ाई के बीच भाग गए, तो मौलाना ने इन्हें फिर से ढूंढ निकाला और इनके पैरों को जंजीर से बांध दिया. इसके बावजूद दोनों बच्चे दीवार कूदकर भाग गए.

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बच्चों के घर वालों ने मौलाना से कहा था- सख्ती से निपटें: SHO

गोसाईगंज के एसएचओ ने आगे बताया कि दोनों बच्चों के घरवालों ने लिखित में आवेदन दिया है कि उनके कहने पर ही मौलाना ने दोनों बच्चों को बांधकर रखा था. वहीं एक बच्चे के पिता ने बताया कि उन्होंने ही मौलाना से कहा था कि उसके बेटे को कड़ाई से रखा जाए क्योंकि उसका बेटा बहुत शैतान है और वह चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ाई-लिखाई करें क्योंकि उनके घर में कोई पढ़ा-लिखा नहीं है.

बच्चों ने कहा- पढ़ाई में मन नहीं लगता, इसलिए भागे

उधर, बच्चों की माने तो उनका पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगता था, जिसके चलते वह भागते थे. वहीं एक बच्चे ने यह भी बताया कि पढ़ाई से बचने के लिए वह शौचालय में भी छिप जाता था.

 

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