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दहेज लिया या दिया, तो मौलाना नहीं पढ़ेंगे निकाह

सभ्य समाज के लिए दहेज प्रथा एक दंश है, हर ओर इसके खिलाफ आवाज उठाई जाती रही हैं. इसी क्रम में यूपी के बागपत के मौलानाओं ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है.

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Symbolic image
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सभ्य समाज के लिए दहेज प्रथा एक अभिशाप है. हर ओर इसके खिलाफ आवाज उठाई जाती रही है. इसी क्रम में यूपी के बागपत के मौलानाओं ने एक ऐतिहासिक फैसला किया है.

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बागपत में हुए मौलानाओं की सभा में यह फैसला किया गया कि अगर कोई भी परिवार शादी में दहेज देगा या मांगेगा, तो कोई भी इमाम उस शादी में निकाह नहीं पढ़ेगा और न ही शिरकत करेगा.

मौलानाओं ने ये भी साफ किया कि वो अपने इस फैसले को आसपास के इलाकों में भी पहुचाएंगे, ताकि लोगों को दहेज प्रथा के खिलाफ जागरुक बनाया जा सके. मौलाना हाजी शकील ने बताया कि आने वाले समय में इस फैसले को लोगों तक पहुंचाने के लिए रैलियां भी निकाली जाएंगी.

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