उत्तर प्रदेश सरकार ने मायावती सरकार के बड़े कद के मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा तथा रंगनाथ मिश्र के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की लोकायुक्त द्वारा जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी.
गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछली सरकार में लोकनिर्माण मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक आमदनी के आरोपों में मुकदमा दर्ज करने की इजाजत दे दी है.
सिद्दीकी के खिलाफ सतर्कता विभाग की खुली जांच में यह पाया गया था कि उन्होंने वर्ष 1997 से 2012 के बीच अपनी आमदनी 69 लाख 96 हजार 809 रुपए दिखायी है, जबकि खर्च 14 करोड़ 32 लाख 609 रुपए प्रदर्शित किया है.
इसी तरह, पिछली सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री रहे रंगनाथ मिश्र के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की खुली सतर्कता जांच में पाया गया कि उन्होंने वर्ष 2007 से 2012 के बीच एक करोड़ 57 लाख छह हजार 231 रुपए अर्जित किये, जबकि खर्च किये सात करोड़ 61 लाख 16 हजार 480 रुपये.
मायावती की पिछली सरकार में परिवार कल्याण मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा के मामले में लोकायुक्त ने सतर्कता विभाग से जांच की सिफारिश की थी. विभाग ने अपनी खुली जांच के बाद उसकी रिपोर्ट गत अप्रैल माह में सरकार को पेश की थी.
इन तीनों ही मंत्रियों के खिलाफ सतर्कता जांच की रिपोर्ट में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की गयी थी.