एक तरफ जहां मोदी सरकार म्यांमार से भारत आकर बसे रोहिंग्या मुस्लिमों को दोबारा म्यांमार भेजने की तैयारी कर रही है. वहीं दूसरी ओर देश में ही रोहिंग्या मुसलमानों को समर्थन मिलने लगा है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि सरकार रोहिंग्या मुसलमानों के साथ मानवता का रवैया अपनाए.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती एक बयान में कहा है कि अत्यंत गरीब और असहाय शरणार्थी रोहिंग्या मुसलमानों की प्रति भारत सरकार मानवता और इंसानियत के नाते सहानुभूति पूर्ण रवैया अपनाए. यही भारत की परंपरा रही है. मायावती का कहना है कि केंद्र सरकार राज्यों को भी इनके प्रति सख्त रवैया अपनाने के लिए मजबूर न करे.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति सहानूभूति व्यक्त करते हुए कहा है कि पड़ोसी देश म्यांमार में अशांति व हिंसा के कारण भारत में ये लोग शरणार्थी बनकर रह रहे हैं. हजारों की तादाद में भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमान अत्यंत गरीब असहाय हैं. रोहिंग्या मुसलमान परिवारों के प्रति भारत सरकार को भी मानवता का व्यवहार करना चाहिए.
मायावती का कहना है कि रोहिंग्या मुसलमानों ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि बांग्लादेश में भी शरण ली हुई है. हालांकि मोदी सरकार का रवैया इन मुसलमानों को लेकर अभी तक स्पष्ट नहीं है. इसी वजह से यह असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इसी वजह से उच्च न्यायालय ने भी केंद्र सरकार से अपना स्टैंड स्पष्ट करने को कहा है.
मायावती ने मांग की है कि म्यांमार और बांग्लादेश की सरकार से भारत सरकार को बातचीत करके रोहिंग्या मुसलमानों के मामले को समझाने का प्रयास करना चाहिए. ताकि उनका पलायन अपने देश में भी रुक सके. वहीं गौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन के मुद्दे पर गृह मंत्रालय पहले ही अपना रुख साफ कर चुका है, उसने कहा है कि भारत रोहिंग्या मुसलमानों को शरण नहीं देगा, उन्हें अपने देश लौटना होगा.