बहुजन समाज पार्टी ( बीएसपी) मुखिया मायावती 15 जनवरी को अपने जन्मदिन पर एक बड़ी रैली कर विरोधियों को ताकत दिखाएंगी.
सोमवार को मायावती ने नई दिल्ली में प्रदेश के मुख्य कोऑर्डिनेटरों, सांसदों, लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों व यूपी, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, दिल्ली व उत्तराखंड के प्रभारियों के साथ बैठक की.
मायावती ने वहां चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा के अलावा लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए पूर्व में दिए गए निर्देश पर अमल व प्रत्याशियों की तैयारी की समीक्षा की.
समझा जाता है कि चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिले फीडबैक के आधार पर बीएसपी अपनी रणनीति में विशेष बदलाव की योजना बना रही है. मायावती ने संकेत किया कि चुनाव आयोग 15 फरवरी तक चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है. ऐसे में चुनाव प्रचार का काम पूरी ताकत से शुरू करना होगा.
इसकी जोरदार शुरुआत वह लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर रैली स्थल पर अब तक की सबसे बड़ी रैली से करेंगी जो उनके जन्मदिन, 15 जनवरी, को होगी. बैठक में मौजूद बीएसपी के एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि लखनऊ में इस रैली स्थल से अधिक भीड़ जुटाने की कोई जगह नहीं है. अब तक बीएसपी ही इस मैदान में बड़ी-बड़ी रैलियां करती आई है.
सपा ने 14 दिसंबर को पिछड़ों व अति पिछड़ों की सामाजिक न्याय रैली ओर बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री पद के अपने उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली तय की थी. दोनों पार्टियों ने अपनी रैलियां टाल दीं.
बीएसपी नेता कहते हैं कि राजधानी में रैलियों की तुलना का प्रदेश भर में संदेश जाएगा. यह ऐसी रैली होगी जिसके बाद कोई दूसरी पार्टी इस मैदान में आने के पहले कई बार सोचेगी.