15 जनवरी 2017 को मायावती 61 साल की हो गई हैं. कुछ साल पहले अपने जन्मदिन पर करोडों रुपये की माला पहनने से सुर्खियों में आई मायावती इस बार बेहद ही सादे तरीके से अपना जन्मदिन मनाएंगी. इस मौके पर उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन सपा की तरह शाही अंदाज में नहीं होता. मैंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से सादगी के साथ जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए कहा है. उनसे जरूरतमंदों और वंचितों के कल्याण करने को कहा है.
बीजेपी पर साधा निशाना
मायावती ने कहा कि बीजेपी के खिलाफ जनता में गुस्सा है. नोटबंदी से अबतक हालात सामान्य नहीं हुए हैं. नोटबंदी के 50 दिन से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी पीएम यह नहीं बता पा रहे हैं कि इससे कितना काला धन पकड़ा गया है. नोटबंदी का फैसला राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया, अब मोदी के हर संबोधन से जनता सहम जाती है. उत्तर प्रदेश में जनता बीएसपी को सत्ता में लाने का निश्चय कर चुकी है. अगर बीजेपी बीएसपी की अध्यक्ष और उनके परिवार की संपत्ति का ब्योरा चाहती है, तो सबसे पहले बीजेपी अपने नेताओं की संपत्ति का खुलासा करे.
मायावती को उनकी पूरी पार्टी और दूसरे दलों के नेता भी बहन जी कहकर बुलाते हैं. गौरतलब है कि मायावती अपना जन्मदिन जन-कल्याण दिवस के रूप में मनाती हैं लेकिन इस बार आचार संहिता लगे होने की वजह से है उन्होंने अपने जन्मदिन समारोह से उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड को अलग रखा है.
मायावती साल 2010 में जन्मदिन के दिन नोटों की माला पहनने से विवादों में आ गई थीं. बता दे कि मायावती साल 1995 में पहली बार मायावती मुख्यमंत्री बनीं और तब से आज तक 4 बार यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. राजनीति में आने से पहले वह एक टीचर थीं और आईएएस की तैयारी कर रही थीं. उन्हें कांशीराम राजनीति में लाए थे. बीएसपी में आने के बाद मायावती ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 4 बार सीएम रहने के बाद अब पांचवी बार अकेले दम पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में जोर आजमा रही हैं.