मेरठ में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी सामने विपक्ष पूरी तरह से एकजुट हो गया है. सपा और आरएलडी अपने निर्वाचित सदस्यों में से जिताऊ प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है, जिसके चलते बसपा समर्थित सदस्य सलोनी गुर्जर को सपा ने जिला प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं, बसपा के जिला पंचायत सदस्यों ने हाथ उठाकर अपना समर्थन किया. इस तरह से अब बीजेपी के जाट प्रत्याशी गौरव चौधरी के सामने विपक्ष ने गुर्जर प्रत्याशी सलोनी गुर्जर को मैदान में उतारा है.
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में मेरठ की 33 सीटें में से छह सीट जीतकर आई बीजेपी ने गौरव चौधरी को कैंडिडेट बनाकर अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने की रणनीति बनाई है. बीजेपी को मात देने के लिए बसपा-सपा-आरएलडी सदस्यों ने आपस में हाथ मिला लिया है. सपा और आरएलडी नेताओं की कई दौर की बातचीत के बाद यह तय हुआ कि दोनों पार्टियां अपने किसी भी सदस्य को चुनाव मैदान में नहीं उतारेंगी बल्कि वार्ड-6 की बसपा समर्थित नवनिर्वाचित सदस्य सलोनी गुर्जर को आगे कर चुनाव लड़ेंगी.
मेरठ के सपा नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को प्रस्ताव भेजकर कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशी के लिए बसपा समर्थित सलोनी को सपा में शामिल किया जाएगा. सपा नेतृत्व की हरी झंडी के बाद मंगलवार को जीरो माइल स्थित एसजीएम गार्डन में सपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर ने सलोनी गुर्जर को पार्टी में शामिल करने ऐलान किया. इसके बाद जिलाध्यक्ष ने सलोनी गुर्जर को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित किया.
जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सलोनी गुर्जर के नाम की घोषणा का सपा नेताओं के साथ वहां मौजूद आरएलडी के क्षेत्रीय अध्यक्ष यशवीर सिंह और जिलाध्यक्ष मतलूब गौड़ ने समर्थन किया. इस दौरान बैठक में मौजूद बसपा के छह जिला पंचायत सदस्यों ने भी अपना हाथ उठवाकर समर्थन के लिए मंजूरी दी. इस दौरान सपा नेता अतुल प्रधान और पूर्व विधायक योगेश वर्मा मौजूद थे.
मेरठ के जिला पंचायत चुनाव में कुल 33 सीटों में से बसपा और आरएलडी के समर्थित प्रत्याशियों ने आठ-आठ सीट पर कब्जा किया था. बीजेपी और सपा को छह-छह सीटें मिली थीं. वहीं, निर्दल प्रत्याशियों ने भी पांच सीटों पर जीत दर्ज की है. इस तरह से जीत के लिए कम से कम 17 सदस्यों का समर्थन चाहिए होगा
सपा-आरएलडी की इस बैठक में जिला पंचायत के 18 सदस्य या उनके प्रतिनिध मौजूद रहे. इनमें कुसुम सिद्धार्थ के पति मुकेश सिद्धार्थ, मुनेश के पति जितेन्द्र, ईशा के पति विश्वास, जोगिन्दर, अजित प्रताप, सलोनी और उनके पति अनुज चेयरमैन, सुमन के पति रविन्द्र, अरुणा के पति प्रताप, अनिकेत भारद्वाज, सम्राट मलिक, मितन कुमार, अतुल, दीपक, गोपाल, सुनील प्रधान, अमित कसाना, विपिन भड़ाना और अश्विनी शर्मा शामिल थे.
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह का दावा है कि उनके पास पूर्ण बहुमत है और 19 जिला पंचायत सदस्यों के समर्थन हासिल हैं. हालांकि, बसपा के जिला अध्यक्ष सत्यपाल का कहना है कि अभी पार्टी की ओर से कोई निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन सोनाली गुर्जर के सपा में शामिल होने और बाकी कुछ सदस्यों की बैठक में मौजूदगी की बात हमारे संज्ञान में आई है. इस पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत करने के बाद कोई निर्णय करेंगे. एक तरह से साफ है कि बसपा सदस्यों ने भले ही सोनाली गुर्जर के समर्थन में अपनी हामी भर दी हो, लेकिन बसपा नेतृत्व ने अभी इस कोई फैसला नहीं लिया है.
वहीं, बीजेपी गौरव चौधरी को अपना जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी पहले घोषित कर चुकी है. गौरव चौधरी वार्ड नंबर 18 से जीते हैं और गौरव चौधरी मूल रूप से मेरठ के कुशेड़ी गांव के रहने वाले हैं. जर्मनी में रहते थे और गांव लौटकर जिला पंचायत के चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि उन्हें 22 जिला पंचायत सदस्यों का समर्थन हासिल है और चुनाव में उनकी जीत तय है. हालांकि, अब देखना है कि मेरठ के जिला पंचायत की कुर्सी पर बीजेपी और सपा में से कौन काबिज होता है.