अपहरण के बाद गैंगरेप और जबरन धर्म परिवर्तन की शिकार युवती ने कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को स्थानीय अदालत में अपना बयान दर्ज कराया. घटना को लेकर सोमवार को भी खरखौदा और आस-पास के इलाकों में तनावपूर्ण शांति देखी गई.
पुलिस ने पीड़िता को अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन नीतू यादव की अदालत में पेश किया जहां उसने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया. इससे पहले अदालत के बाहर लोगों की भारी भीड़ के बीच पुलिस पीड़ित युवती को अदालत में लेकर पहुंची.
अल्ट्रासाउंड में नहीं मिला गर्भाशय
अदालत के बाहर एहतियात के तौर पर भारी पुलिस
तैनात थी. पीड़िता के वकील अजय कुमार त्यागी ने बताया कि अदालत में पीड़िता ने अपने
बयान दर्ज करा दिए हैं. अब पीड़िता का गर्भाशय संबंधी परीक्षण कराया जाएगा. पुलिस के
मुताबिक सोमवार को पीड़िता युवती का जिला डफरिन अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे
हुआ था जिसमें किडनी सुरक्षित बताई गई थी लेकिन रिपोर्ट में गर्भाशय स्पष्ट रुप से नहीं
दिखाई पड़ने पर परिजन और पीड़िता के वकील ने गर्भाशय निकाले जाने की आशंका जताई
थी. इस पर अस्पताल के डॉक्टर ने गर्भाशय संबंधी परीक्षण मेडिकल अस्पताल से कराने की
सलाह दी थी.
खरखौदा क्षेत्र निवासी एक युवती का 23 जुलाई को अपहरण हुआ था. रविवार को किसी तरह अपहर्ताओं के चंगुल से से भाग कर युवती ने खुलासा किया था कि उसे हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर, मुजफ्फरनगर और देवबंद के मदरसे में कैद रखा गया था जहां उससे गैंगरेप किया गया और धर्म परिवर्तन संबंधी शपथ पत्र पर जबरन हस्ताक्षर करवाए गए.
पीड़िता के परिवार की तहरीर पर पुलिस ने ग्राम प्रधान नवाब, सलाउल्ला, उसकी पत्नी और छह अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. सलाउल्ला, उसकी पत्नी समरजहां और बेटे निशांत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.