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Meerut: पिटबुल ने सिखाया ऐसा सबक कि बीच रास्ते में ही बांधकर भागे चोर

पिटबुल डॉग को मेरठ के शास्त्रीनगर इलाके से दो बाइक सवार लोगों ने उठा लिया था, तभी इस पिटबुल ने एक चोर को काट लिया जिसके बाद दोनों चोर पिटबुल को सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के गेट पर बांध कर भाग गए. बताया जा रहा है कि दोनों चोरों ने पिटबुल को डंडे से मारा भी. पुलिस ने पिटबुल को उसके मालिक को सौंप दिया है.

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पिटबुल को पुलिस ने उसके मालिक को सौंप दिया है
पिटबुल को पुलिस ने उसके मालिक को सौंप दिया है

पिटबुल के हमलों की खबरों की बीच एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दरअसल, उत्तर प्रदेश के मेरठ में मंगलवार की सुबह-सुबह एक पिटबुल डॉग मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज के गेट पर बंधा मिला, जिसको देखकर लोग हैरान हो गए. पुलिस को सूचना दी गई.

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मौके पर चौकी की पुलिस पहुंची और पूछताछ शुरू की. इसके बाद पिटबुल के मिलने की चर्चा आम हुई और पिटबुल को अपना बताते हुए 5 से 6 दावेदार पहुंच गए. इसके बाद चौकी पुलिस ने बिना जांच के किसी को भी पिटबुल डॉग देने से मना कर दिया और उसको नगर निगम के हवाले करने की तैयारी करने लगा क्योंकि जांच में लगभग सभी मालिक फर्जी पाए गए.

शाम होते-होते पिटबुल डॉग को लेने के लिए एक और शख्स पहुंचा, जिसने पिटबुल की फोटो और वीडियो भी दिखाएं लेकिन पुलिस ने उसको पहचान बताने के लिए कहा, जिसके बाद पिटबुल के असली मालिक सुभाष चंद्र भी पहुंचे और उनको देखकर पिटबुल उनके पैरों से लिपट गया. पुलिस ने सुभाष चंद की आईडी देखकर और संतुष्ट होकर पिटबुल को उनको सौंप दिया.

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पिटबुल को उठाकर भाग रहे थे चोर, तभी...

सब इंस्पेक्टर रविंद्र ने बताया कि छानबीन की तो पता लगा कि इस पिटबुल डॉग को मेरठ के शास्त्रीनगर इलाके से दो बाइक सवार लोगों ने उठा लिया था, तभी इस पिटबुल ने एक चोर को काट लिया जिसके बाद दोनों चोर पिटबुल को सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के गेट पर बांध कर भाग गए. बताया जा रहा है कि दोनों चोरों ने पिटबुल को डंडा से मारा भी.

पुलिस ने बताया कि सुभाष चंद्र अभी मेरठ के शास्त्री नगर में रह रहे हैं, सुबह टहलने के लिए उन्होंने अपने पिटबुल डॉग को छोड़ा था, जिसको दो चोर मोटरसाइकिल पर उठाकर ले गए, चोरों को पिटबुल ने काट लिया, फिर चोरों ने उसे सर छोटू राम यूनिवर्सिटी गेट पर बांध दिया और छोड़ कर चले गए.

पुलिस के मुताबिक, पहले पिटबुल को अपना बताने वाले कई लोग सामने आए, लेकिन सब फर्जी मिले, फिर अपने पिटबुल को ढूंढता हुआ पिटबुल के मालिक का बेटा पहुंचा, उसके पास पिटबुल की फोटो भी थी, जिसके बाद सुभाष चंद्र भी वहां पहुंचे और उन्होंने अपना पहचान पत्र दिखाया, फिर पिटबुल को मालिक के सुपुर्द कर दिया गया.

 

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