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मिड डे मीलः याचिका पर इलाहाबाद HC ने जारी किया नोटिस, 3 हफ्ते की मोहलत

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोविड काल में बच्चों को राशन और कन्वर्जन मनी नहीं दी गई, जबकि यूपी सरकार की ओर से 29 मई 2020 और 27 मार्च 2021 को इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया था.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षकारों से 3 हफ्ते में जवाब मांगा
  • लॉ इंटर्न की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई
  • यूपी सरकार ने पिछले मई से लेकर अब तक 2 नोटिफिकेशन जारी किए

इलाहाबाद हाईकोर्ट में बेसिक और अपर बेसिक स्कूलों में मिड डे मील नहीं दिए जाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षकारों से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है.

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हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद और निदेशक बेसिक शिक्षा से जवाब मांगा है. कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास के सचिव को भी पक्षकार बनाने का आदेश दिया है.

मिड डे मील को लेकर लॉ इंटर्न की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है. जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोविड काल में बच्चों को राशन और कन्वर्जन मनी नहीं दी गई, जबकि यूपी सरकार की ओर से 29 मई 2020 और 27 मार्च 2021 को इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया था. 

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याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार के इन शासनादेशों का अधिकारी पालन भी नहीं कर रहे हैं. अब 24 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी. 

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प्रयागराज जिले के 15 स्कूलों और मदरसों के आधार पर यह जनहित याचिका दाखिल की गई है. एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस सुभाष चंद शर्मा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई.  

 

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