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मिड-डे मील में बच्चों को मिलेगी हलवा-खीर-पूड़ी, आजादी के अमृत महोत्सव पर यूपी सरकार की सौगात

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न मनाने जा रही है. दरअसल सरकार ने 11 से 17 अगस्त के बीच बच्चों को मिड-डे मील (Mid Day Meal) में हलवा, खीर, लड्डू और पूड़ी जैसा विशेष भोजन कराने के निर्देश जारी किए हैं.

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योगी सरकार की बच्चों को सौगात (File Photo)
योगी सरकार की बच्चों को सौगात (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आजादी के 75 साल पूरा होने का अमृत महोत्सव
  • हर घर तिरंगा अभियान के तहत मिलेगा स्पेशल खाना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजादी के अमृत महोत्सव के लिए प्रदेश के बच्चों को बड़ी सौगात दी है. सरकार ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 11 अगस्त से 17 अगस्त के बीच बच्चों को मिड-डे मील के दौरान विशेष भोजन कराया जाए.  इसमें हलवा, खीर, लड्डू और पूड़ी जैसे व्यंजन बच्चों को परोसे जाएं.

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स्वतंत्रता दिवस के 75 साल पूरे होने पर इस समय देश में 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है. इसी के साथ 'हर घर तिरंगा' अभियान भी चलाया गया है और इसी अभियान के तहत सरकार ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्पेशल खाना खिलाए जाने के निर्देश दिए हैं. मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के निदेशक विजय किरन आनंद ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं.

 

 

सरकारी आदेश
सरकारी आदेश

आदेश के मुताबिक बच्चों को केवल हलवा, खीर, पूड़ी और लड्डू ही नहीं मिलेंगे. बल्कि इस अवधि के दौरान उनको खाने में फल भी दिए जाएंगे. वहीं मिठाई में बूंदी भी परोसी जाएगी. देशभर के बच्चों में कुपोषण की कमी को दूर करने के लिए सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील उपलब्ध कराया जाता है. मिड-डे मील में बच्चों को पोषक तत्वों से भरपूर एक वक्त का खाना दिया जाता है. इसका एक मकसद देश के गरीब तबके के बीच कुपोषण की समस्या को खत्म करना है. 

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने हाल में मध्यान्ह भोजन योजना में कई बदलाव किए हैं. सितंबर 2021 में इस योजना को अपग्रेड करते हुए इसे पीएम पोषण योजना नाम दे दिया गया है. पीएम पोषण योजना का पूरा नाम 'प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना' है. नई योजना में प्री-प्राइमरी के स्कूल के बच्चों यानी 3 से लेकर 5 साल की आयु वाले बच्चों को भी शामिल किया गया है. इससे पहले इस योजना का मुख्य लाभ कक्षा 1 से 8वीं के छात्र-छात्राओं को मिलता था.

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