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माताओं और रोगियों में बंटेगा बाबा विश्‍वनाथ को चढ़ने वाला दूध

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाया जाने वाला दूध अब नालियों में नहीं बहाया जाएगा. बाबा विश्वनाथ को चढ़ने वाला दूध प्रसूताओं और मानसिक अस्पताल के रोगियों में वितरित करने योजना तैयार की गई है.

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वाराणसी
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वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाया जाने वाला दूध अब नालियों में नहीं बहाया जाएगा. बाबा विश्वनाथ को चढ़ने वाला दूध प्रसूताओं और मानसिक अस्पताल के रोगियों में वितरित करने योजना तैयार की गई है.

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काशी विश्वनाथ मंदिर का संचालन करने वाली न्यास परिषद के अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी बताया कि विश्वनाथ मंदिर से दूध महिला चिकित्सालयों में भर्ती प्रसूताओं, मानसिक अस्पताल के रोगियों, कैदियों में वितरित करने का प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है. इसे न्यास परिषद की अगली बैठक में पारित कराया जाएगा. आचार्य ने बताया कि दूध को स्टोर करने में साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जाएगा. बाबा को दूध स्पर्श कराने के बाद उसे अलग बर्तन में एकत्र कर लिया जाएगा, ताकि शुद्ध दूध बांटा जा सके.

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2002 में बाबा के अरघे में अर्पित किए जाने वाले गंगा जल को पाइप लाइन से गंगा में गिराने की योजना बनी थी. तब दूध अलग एकत्र कर वितरित किया जाता था लेकिन बाद में दूध भी नाली में बहाया जाने लगा. मौजूदा समय में यह पाइप लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है और चढ़ावे का दूध घाट की सीढियों पर बहकर दिक्कतें पैदा कर रहा है.

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