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मोदी के मंत्री यूनिवर्सिटी में रीडर भी, बिना क्लास लिए मिल रहा पूरा वेतन

पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता के शि‍खर पर बैठी मोदी सरकार पर विवादों का साया छंटने का नाम नहीं ले रहा. इस कड़ी में ताजा नाम केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया का जुड़ गया है. कठेरिया यूपी के भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के केएमआई इंस्टीट्यूट में रीडर के पद पर हैं और दिलचस्प यह है कि सांसद बनने के बाद एक दिन भी क्लास लिए बिना वह पूरा वेतन ले रहे हैं.

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केंद्रीय मंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया
केंद्रीय मंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया

पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता के शि‍खर पर बैठी मोदी सरकार पर विवादों का साया छंटने का नाम नहीं ले रहा. खुद प्रधानमंत्री अपने विदेश दौरों के कारण विवादों में हैं तो मंत्रियों की बयानबाजी अक्सर संसद से सड़क तक हंगामे का कारण बन रही है. इस कड़ी में ताजा नाम केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया का जुड़ गया है. कठेरिया यूपी के भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के केएमआई इंस्टीट्यूट में रीडर के पद पर हैं और दिलचस्प यह है कि सांसद बनने के बाद एक दिन भी क्लास लिए बिना वह पूरा वेतन ले रहे हैं.

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खास बात यह भी है कि तमाम सियासी और मंत्रीमंडलीय व्यस्तता के बावजूद डॉ. रामशंकर कठेरिया ने इंस्टीट्यूट से कभी छुट्टी नहीं ली है. यानी उनकी हाजिरी 100 फीसदी है. नौ नवंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में शपथ लिए जाने के बाद से कठेरिया एक पूर्णकालिक मंत्री हैं. 'अमर उजाला' की खबर के मुताबिक, बतौर रीडर डॉ. कठेरिया का कुल मासिक तनख्वाह 1.14 लाख रुपये है, जिसमें पीएफ आदि काटने के बाद यूनिवर्सिटी ने उनके इलाहाबाद बैंक के खाते में 87 हजार रुपये जमा करवाए हैं.

डॉ. कठेरिया ने साल 2009 में सांसद बनने के बाद यूनिवर्सिटी से एक भी दिन की आधिकारिक छुट्टी नहीं ली है, जबकि वह विधानसभा-लोकसभा के चुनाव, पार्टी सम्मेलन, आरएसएस के कार्यक्रम, निरीक्षण और संसद सत्रों में भी व्यस्त रहे हैं. पार्टी ने उन्हें पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की कमान भी सौंपी है. लिहाजा वह इन राज्यों में भी अक्सर दौरा करते रहे हैं, जबकि इंस्टीट्यूट में हिंदी विभाग के एमए और एमफिल के छात्रों से उनका परिचय तक नहीं है.

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कन्हैयालाल मणिकलाल मुंशी संस्थान (केएमआई) के डायरेक्टर प्रो. हरिमोहन ने हिंदी के रीडर डॉ. रामशंकर कठेरिया का हवाला देकर 13 नवंबर को यूनिवर्सिटी के कुलपति को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि डॉ. कठेरिया राष्ट्रीय महत्व के एक पद पर हैं इसलिए उनकी जगह एक गेस्ट लेक्चरर नियुक्त करने की अनुमति दी जाए.

डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के वित्त अधिकारी एसी सिंह ने बताया कि केएमआई में रीडर डॉ. कठेरिया की सैलरी पर कोई रोक नहीं है. ऐसा सिर्फ शिक्षक की छुट्टी के आवेदन पर ही किया जा सकता है या डायरेक्टर अथवा कुलपति इस संबंध में निर्देश दें तभी. प्रो. हरिमोहन के मुताबिक कुलपति को पत्र लिखा गया है कि हिंदी विभाग में गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति की जाए. डॉ. कठेरिया के राज्यमंत्री बनने के बाद से एक पद रिक्त चल रहा है.

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