यूपी में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने वाली एंबुलेंस की व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है. 'आज तक' की पड़ताल में यूपी में कई जगहों पर एंबुलेंस सेवा खस्ताहाल नजर आई है. इस बारे में जब अखिलेश सरकार के परिवार कल्याण मंत्री से बात की गई तो उन्होंने दावा किया है कि पूरे प्रदेश में 108 नंबर की 1488 एंबुलेंस हैं और 102 नंबर की 1972 एंबुलेंस लगातार चल रही है, जो आपातकालीन स्थिति में महज 15 से 20 मिनट के अंदर मरीज के घर पहुंच जाती हैं.
मंत्री ने दिया कार्रवाई का भरोसा
उत्तर प्रदेश के परिवार कल्याण मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि 108 नंबर की एंबुलेंस से प्रदेश में लगभग 50 लाख लोगों को फायदा हुआ है. वहीं 102 नंबर की एंबुलेंस सेवा से 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं को लाभ हुआ है, जो प्रसव के दौरान उनको घर से अस्पताल और अस्पताल से घर वापस लाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि अगर इस सेवा में कोई गड़बड़ी पाई गई तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यूपी में 102 और 108 एंबुलेंस सेवाओं का ऑपरेशन और मेन्टेन्स जीवीके नाम की कंपनी को दिया गया है, कई जगहों पर इसके काम मे ढिलाई की सूचना मिली है. इसपर मंत्री ने कहा कि वो कंपनी को इस बारे मे निर्देश जारी कर रहे हैं.
एंबुलेंस के ड्राइवरों को तुरंत सैलरी देने का आदेश
प्रदेश सरकार के परिवार कल्याण मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने एंबुलेंस के ड्राइवरों की सैलरी को लेकर कहा कि हमने अधिकारियों को बुलाकर आदेश दिए हैं कि ड्राइवरों को तुरन्त सैलरी दी जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि जो एंबुलेंस खराब हो गई है उसे ठीक कराने का आदेश दिया है. मंत्री की मानें तो सरकार एंबुलेंस सेवा को और बेहतर बनाने के बारे में विचार कर रही है.