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अखिलेश के अनुरोध पर एक्सप्रेस-वे पर उतरेंगे मिराज-2000 और सुखोई

हाल में रक्षा और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मिलकर देशभर में 22 हाइवे को रनवे में तब्दील करने पर काम शुरू किया. वायुसेना के मुताबिक आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेस-वे पर मिराज- 2000 और सुखोई लड़ाकू विमान उतारने की योजना नवम्बर के पहले हफ्ते में थी

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एक्सप्रेस-वे से उड़ेगा सुखोई
एक्सप्रेस-वे से उड़ेगा सुखोई

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पहली बार वायुसेना के चार मिराज- 2000 और चार सुखोई लड़ाकू विमान हाइवे पर उतरेंगे. आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेस-वे की ओपनिंग के दिन 21 नवंबर को एक साथ 8 फाइटर जेट टच डाउन करेंगे. 21 नवंबर को लखनऊ से 75 किलोमीटर दूर उन्नाव जिले के गंज मुरादाबाद नामक इलाके में आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेस-वे पर दोपहर 12.30 से 1 बजे के बीच वायुसेना के 8 फाइटर जेट लैंड करेंगे. इसके अलावा एक्‍सप्रेस-वे के उद्घाटन के वक्त वायुसेना के 3 किरन मार्क 2 विमान फ्लाई पास्ट करेंगे. इस मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद लोग इस रोमांचक मौके के गवाह बन सकेंगे.

हाल में रक्षा और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मिलकर देशभर में 22 हाइवे को रनवे में तब्दील करने पर काम शुरू किया. वायुसेना के मुताबिक आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेस-वे पर मिराज- 2000 और सुखोई लड़ाकू विमान उतारने की योजना नवम्बर के पहले हफ्ते में थी लेकिन राज्य की अखिलेश सरकार के अनुरोध पर ओपनिंग के दिन यानी 21 नवंबर ये 8 फाइटर जेट लैंड कराये जा रहे हैं.

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इसके लिए वायुसेना और राज्य सरकार ने सारी तैयारियां कर ली गई हैं, शुक्रवार को एक्सप्रेस-वे पर इसके लिए ट्रायल किया गया. 302 किमी लंबा आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेस-वे अखिलेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्‍ट है, इसे 22 महीने में पूरा किया गया है. एयर वाइस मार्शल राजेश इस्‍सर और सेंट्रल एयर कमांड के सीनियर ऑफिसर एडमिनिस्‍ट्रेशन ने एक्‍सप्रेस-वे का इंस्‍पेक्‍शन किया था. फाइटर जेट्स की सेफ लैंडिंग के लिए जरूरी सेफ्टी रिक्‍वायरमेंट्स जैसे बर्ड क्‍लीयरेंस, सेफ्टी सर्विसेज, रेस्‍क्‍यू व्हीकल्‍स, टेम्परेरी एयर ट्रैफिक कंट्रोल सेटअप की जरूरत होती है.

देश के हाइवे बनेगें रनवे

पिछले साल मई में नोएडा-आगरा एक्सप्रेसवे पर वायुसेना ने अपना लड़ाकू विमान मिराज-2000 सफलतापूर्वक उतारा था. इसके बाद अब रक्षा और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मिलकर देशभर में हाइवे को रनवे में तब्दील करने का काम शुरू किया. भारत में 96 हजार किमी से ज्यादा लंबी दूरी के राष्ट्रीय राजमार्ग हैं जिन्हें लगातार बढ़ाने का काम जारी है ताकि सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक को काबू में किया जा सके. वहीं वायुसेना भविष्य में किसी भी सामरिक चुनौती से निपटने के लिए सुनिश्चित हो लेना चाहता है कि देशभर में फैले इन राजमार्गों पर विमानों को उतारना जल्द से जल्द संभव हो सके.

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