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वाराणसी में दिख रहा 'मोदी इफेक्‍ट', जोशी की राह हुई आसान

वाराणसी में 20 दिसंबर को नरेंद्र मोदी की विजय शंखनाद रैली के बाद शहर में 'मोदी इफेक्ट' दिखने लगा है.  इसके साथ ही बीजेपी नेता व वाराणसी के सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी अचानक चुनावी दौड़ में दूसरे प्रत्याशियों से कहीं आगे निकल गए हैं.

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नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

वाराणसी में 20 दिसंबर को नरेंद्र मोदी की विजय शंखनाद रैली के बाद शहर में 'मोदी इफेक्ट' दिखने लगा है. गली-चौराहों से लेकर की बड़ी-बड़ी मजलिसों में भी बीजेपी के पीएम पद के दावेदार चर्चा के केंद्र में हैं. इसके साथ ही बीजेपी नेता व वाराणसी के सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी अचानक चुनावी दौड़ में दूसरे प्रत्याशियों से कहीं आगे निकल गए हैं.

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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोदी की रैली ने वाराणसी संसदीय सीट पर डॉ. मुरली मनोहर जोशी की लगातार दूसरी जीत की राह आसान कर दी है. यानी मोदी पूर्वांचल में बीजेपी को संजीवनी दे गए हैं. बनारस के लोगों को मोदी का 'जनता से संवाद' का फंडा पसंद आया. स्थानीय लोगों का कहना है कि जनता से खुद को जोडऩे की मोदी की कोशिश रंग लाएगी.

वहीं, विजय शंखनाद रैली में पहुंची पांच लाख से अधिक जनता ने पार्टी की चुनौतियां भी बढ़ा दी हैं. सबसे बड़ी चुनौती इस भीड़ को वोटों में तब्दील करने की है. वाराणसी की रैली में काशी क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले वाराणसी, चन्दौली, गाजीपुर, सोनभद्र, मीरजापुर, इलाहाबाद, कौशाम्बी, भदोही, प्रतापगढ़, जौनपुर, सुलतानपुर, अमेठी, (संगठन की दृष्टि से 14 जिलों) की भीड़ जुटी थी. इन सभी इलाकों में अब पार्टी अपने संगठन के कार्यों को तेज करने जा रही है.

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विजय शंखनाद रैली की सफलता से उत्साहित लोकलेखा समिति के अध्यक्ष व सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी को विश्वास है कि जनता के इस सहयोग-स्नेह और समर्थन से 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को काशी क्षेत्र की सभी सीटों पर विजयश्री मिलेगी.

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