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मोदी सरकार ने SC से कहा- अलीगढ़ मुस्ल‍िम यूनिवर्सिटी अल्पसंख्यक संस्थान नहीं

रोहतगी ने कहा, 'एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है.' उन्होंने 1967 के शीर्ष अदालत के एक फैसले का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि यह अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है क्योंकि सरकार ने इसकी स्थापना की थी, मुस्लिमों ने नहीं.

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अलीगढ़ मुस्लि‍म यूनिवर्सिटी
अलीगढ़ मुस्लि‍म यूनिवर्सिटी

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मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यूपीए सरकार की वह याचिका वापस लेने का फैसला किया है, जो अलीगढ़ मुस्लि‍म यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं बताने वाले फैसले को चुनौती देती है. सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली पिछली सरकार की अपील को वापस लेगी.

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, 'हमने (सरकार ने) एक हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें कहा है कि हम अपील को वापस लेंगे.' उन्होंने कहा कि केंद्र ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी इस मुद्दे पर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक अलग याचिका दाखिल की थी. 'सरकार ने की थी स्थापना, मुस्लिमों ने नहीं'

रोहतगी ने कहा, 'एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है.' उन्होंने 1967 के शीर्ष अदालत के एक फैसले का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि यह अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है क्योंकि सरकार ने इसकी स्थापना की थी, मुस्लिमों ने नहीं.

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पहले भी शीर्ष विधि अधिकारी ने उच्चतम न्यायालय में कहा था कि एक केंद्रीय कानून के तहत अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी. साथ ही 1967 में अजीज बाशा मामले में पांच न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ ने कहा था कि यह एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है और अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है.

'साल 1981 में कानून में किया गया संशोधन'
रोहतगी ने कहा था कि उक्त फैसले को निष्प्रभावी बनाने के लिए केंद्रीय कानून में 1981 में एक संशोधन लाया गया ताकि विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा दिया जा सके, जिसे हाल ही हाई कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है.

रोहतगी ने अप्रैल में बेंच के समक्ष कहा था, 'आप अजीज बाशा फैसले की अवहेलना नहीं कर सकते. भारतीय संघ का रुख है कि एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देना अजीज बाशा फैसले के विपरीत होगा.' बेंच ने तब केंद्र को आवेदन दाखिल करने और उसके द्वारा दाखिल अपील को वापस लेने के लिए आठ सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी थी.

हलफनामा दाखिल करते हुए रोहतगी ने कहा, 'हम अजीज बाशा फैसले को मानते हैं और इसलिए हम पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा की गई अपील को वापस ले रहे हैं.'

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