इंफोसिस के बोर्ड मेंबर रहे मोहनदास पई ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले को शानदार बताया है. मोहनदास पई के अनुसार यह फैसला कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था, तो वहीं किसी को इस फैसले में सांप्रदायिकता का रूप नजर आया. लेकिन बीजेपी की ओर से लिया गया फैसला कई मायनों में सही साबित होता है.
एनडीटीवी के लिए लिखे गये लेख में मोहनदास पई ने लिखा है कि बीजेपी का यह फैसला लोगों के लिए चौंकाने वाला तो था ही वहीं लोगों ने बिना नये मुख्यमंत्री का प्रदेश के लिए अपना एजेंडा सुने अपना फैसला सुना दिया.
बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक
मोहनदास पई लिखते हैं कि यह फैसला कई मायनों में मास्टर स्ट्रोक है. योगी आदित्यनाथ 5 बार के सांसद हैं, वो अभी सिर्फ 45 साल के हैं तो युवा भी हैं और लंबी पारी खेलने में सक्षम है. वह एक प्रखर वक्ता होने के साथ ही आक्रामक भी हैं इसके साथ ही युवाओं में उनके लिए काफी क्रेज भी है. मोहनदास के अनुसार योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर में अच्छी पैठ है. गोरखपुर में उन्हें लगभग सभी जातियों का समर्थन हासिल है. गोरखपुर के साथ ही पूरे पूर्वांचल में योगी का दबदबा है, और पूर्वांचल में यूपी का सबसे बड़ी आबादी का हिस्सा भी है.
निशाने पर है 2019
योगी को सीएम बनाने के साथ ही बीजेपी ने अपने मिशन 2019 की भी शुरुआत कर दी है. सूबे में बीजेपी के पास प्रचंड बहुमत है जिसका फायदा वह राज्य में काम कर उठा सकती है. तो वहीं इसका रिजल्ट भी 2019 में लेना चाहेगी. उन्होंने लिखा कि सीएम पद की जिम्मेदारी के साथ ही बीजेपी ने योगी को एक बड़ी जिम्मेदारी दे दी है.
गौरतलब है कि इससे पहले प्रसिद्ध कानूनविद् फली नरीमन ने योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या यह हिंदू राष्ट्र बनने की शुरुआत है.