यूपी के नोएडा में मंकीपॉक्स की संदिग्ध महिला की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. रिपोर्ट के निगेटिव आने से नोएडा स्वास्थ्य विभाग ने चैन की सांस ली है. अब गाजियाबाद में मिले दो संदिग्ध की जांच की रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है. मंगलवार को महिला ने स्वास्थ्य विभाग से अपनी तबियत बिगड़ने के बाद संपर्क किया था.
बता दें कि, नोएडा में रहने वाली 47 साल की महिला ने स्वास्थ्य विभाग संपर्क किया था. जिसके बाद महिला का सैंपल लिया गया और लखनऊ जांच के लिए भेजा गया था. वहीं, गाजियाबाद में भी दो लोगों के सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजे गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही मंकीपॉक्स है या नहीं इसकी पुष्टि की जा सकेगी. जिसमें से महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई है.
नोएडा स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर
नोएडा में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई भी मरीज सामने नहीं आया है. फिर भी स्वास्थ विभाग कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहता है. जिसके लिए नोएडा के जिला अस्पताल में 10 बेड का वार्ड तैयार किया गया है, ताकि मरीज मिलने के बाद बारीकी से मरीजों पर नजर रखी जा सके.
स्वास्थ विभाग की तरफ से एक कंट्रोल रूम तैयार किया गया है. कंट्रोल रूम सेक्टर 39 में बने अस्पताल में बनाया गया है. नोएडा के निवासी 9675322717 और 9899 75203 पर कॉल कर जानकारी ले सकते हैं. कंट्रोल रूम में दो डॉक्टरों की तैनाती की गई है. जिला अस्पताल में 10 बेड का वार्ड भी एहतियात के लिए बना दिया गया है.
केरल-तेलंगाना में भी मिले मंकीपॉक्स के मरीज
अभी देश में मंकीपॉक्स के 5 केस की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से तीन केरल, एक तेलंगाना और एक दिल्ली में है. दिल्ली में मिला पहला मंकीपॉक्स का मरीज लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में भर्ती है. बताया जा रहा है कि उसके त्वचा पर चकत्ते और घाव को ठीक होने में कम से कम एक हफ्ता और लगेगा. उधर, मंकीपॉक्स के केस आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है.
मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं
मंकीपॉक्स इंसानों को होने वाले चेचक की तरह होता है. इसकी पहली स्टेज में संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखने लगते हैं. इसमें लक्षण अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़े होते हैं, इसमें बुखार की तरह महसूस होता है. इससे शरीर में दर्द और थकान महसूस हो सकती है. फिर दूसरे चरण में स्किन पर कहीं कहीं गांठ दिखती हैं. इसके बाद शरीर के कुछ हिस्सों में चकत्ते और फिर यही चकत्ते बडे़ दाने में बढ़ जाते हैं.