दंबगई दिखाने वाले मुरादाबाद के एसएसपी को उत्तर प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. एसएसपी पर समाजवादी पार्टी के नेता को इंतजार करवाने पर 3 पुलिसवालों की पिटाई करने का आरोप है.
अधिकारी के हाथों कर्मचारियों के पिटने की वजह रहे समाजवादी पार्टी के नेता डॉ. एस. टी. हसन कप्तान.
ये है पूरा मामला
सुंदर सेंगर, दया किशन और गुमान सिंह (पुलिस में चतुर्थश्रेणी कर्मचारी) की तैनाती मुरादाबाद के एसएसपी राजेश मोदक के घर पर थी. एसएसपी से मिलने के लिए मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद पद के प्रत्याशी और पूर्व मेयर डॉ. एसटी हसन कप्तान आ रहे थे. जिस वक्त पीआरओ का फोन आया, एसएसपी साहब नहा रहे थे. इन्हीं कर्मचारियों ने फोन उठाया और बता दिया कि राजेश मोदक साहब नहा रहे हैं. फिर फोन आया तो बता दिया गया कि साहब नाश्ता कर रहे हैं.
तीनों कर्मचारियों के अनुसार, हालांकि उन्हें पीआरओ ने यह नहीं बताया कि डॉ. हसन एसएसपी से मिलने आ रहे हैं और इसकी सूचना एसएसपी को दे दी जाए. सो एसएसपी इस बात से अनजान रहे कि कोई उनसे मिलने आ रहा है और वो भी समाजवादी पार्टी का कोई नेता. जब एसएसपी राजेश मोदक तैयारी कर रहे थे, तब डॉ. हसन अपने लोगों के साथ एसएसपी के घर पहुंच गए. पांच गिलास पानी मंगवाया, जो पहुंचा दिया गया.
तकरीबन एक घंटे बाद एसएसपी को पता चला कि डॉ. हसन उनसे मिलने आए हैं और घंटेभर से इंतजार कर रहे हैं. बस एसएसपी साहब का पारा ऐसा चढ़ा कि तीनों कर्मचारियों की पिटाई के बाद ही शांत हो सका. एसएसपी ने घर के भीतर ही वाइपर, झाड़ू और डंडा लेकर तीनों कर्मचारियों की पिटाई कर दी.
तीनों कर्मचारी (सुंदर सेंगर, दया किशन और गुमान सिंह) एसएसपी के घर से निकले तो मीडिया को अपना दर्द सुनाया. इसके बाद वे गए डीआईजी से शिकायत करने. वहां तीनों को कहा गया कि वे शिकायत पत्र दे जाएं.
गुमान सिंह और दया किशन को सर्विस करते हुए 24-24 साल हो चुके हैं. अर्दली सुंदर सेंगर को लगभग 15 साल सरकारी सेवा में हो गए हैं. ऐसे में तीनों का कहना है कि इतने सालों की सेवा में बहुत कुछ देखा, मगर कभी ऐसा नहीं हुआ था. सुंदर का कहना है कि उसका पद अर्दली का है. लेकिन एसएसपी के घर में झाड़ू-पोछा से लेकर बर्तन तक साफ करने पड़ते हैं. ऐसा करना मजबूरी इसलिए है क्योंकि अधिकारी अक्सर सस्पेंड कर देने की या कहीं दूर ट्रांसफर करा देने की धमकी दे देते हैं.