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सीएम दफ्तर से हटा यूपी का बेहद ताकतवर अफसर

सत्ता के बेहद करीब माने जा रहे पंधारी यादव तमाम पेशबंदी के बाद भी बच नहीं सके. करीब 5000 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में सीबीआई के रिपोर्ट दर्ज कराने के महज 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री सचिवालय से उनकी छुट्टी कर दी गई. उन्हें मुख्यमंत्री के सचिव पद से हटाकर आवास सचिव के पद पर तैनाती दी गई है.

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अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

सत्ता के बेहद करीब माने जा रहे पंधारी यादव तमाम पेशबंदी के बाद भी बच नहीं सके. करीब 5000 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में सीबीआई के रिपोर्ट दर्ज कराने के महज 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री सचिवालय से उनकी छुट्टी कर दी गई. उन्हें मुख्यमंत्री के सचिव पद से हटाकर आवास सचिव के पद पर तैनाती दी गई है.

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पंधारी अखिलेश सरकार के चुनिंदा भरोसेमंद अफसरों में गिने जाते हैं और मनरेगा घोटाले में उनका नाम होने की वजह से ही सरकार इस मामले की सीबीआई जांच कराने से बच रही थी. पंधारी को 'पंचम तल' यानी मुख्यमंत्री कार्यालय से हटाए जाने के बाद ग्राम्य विकास विभाग के राज्यमंत्री अरविंद सिंह गोप ने विभाग के आला अधिकारियों को तलब कर मैराथन बैठक की. माना जा रहा है कि इस मामले में जल्द ही कुछ और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. पंधारी के अलावा मायावती सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा डीएम समेत 100 से ज्यादा अधिकारी मनरेगा घोटाले की जांच के दायरे में हैं.

सीबीआई की ओर से शुक्रवार को मनरेगा घोटाले में पांच एफआईआर दर्ज कराने के बाद राज्य सरकार पर घोटाले के आरोपी अफसरों, खास तौर पर पंधारी पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया था. आखिरकार शनिवार को पंधारी की पंचम तल से विदाई हो ही गई. पंधारी को हटाए जाने के साथ यह भी साफ हो गया है कि जल्द ही इस मामले में आरोपी अन्य तत्कालीन जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों व ग्राम्य विकास विभाग के अफसरों पर भी कार्रवाई की जाएगी.

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