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गोरखपुर: 24 घंटे के अंदर आत्महत्या का दूसरा मामला, बाप-बेटियों के बाद मां-बेटे ने खाया जहर

गोरखपुर के शाहपुर इलाके में मां-बेटे ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया. पुलिस ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण दोनों ने आत्महत्या की है. गोरखपुर में 24 घंटे के अंदर आत्महत्या का यह दूसरा मामला है. इससे पहले मंगलवार की सुबह आर्थिक तंगी के ही कारण पिता और दो बेटियों ने गले में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था.

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आर्थिक तंगी के चलते खाया जहर.
आर्थिक तंगी के चलते खाया जहर.

यूपी के गोरखपुर में मात्र 24 घंटे के अंदर आत्महत्या का दूसरा मामला सामने आया है. पहला मामला शाहपुर इलाके में गीता वाटिका स्थित घोसीपुरवा का था. जहां मंगलवार की सुबह पिता और दो बेटियों ने आर्थिक तंगी के कारण गले में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया. उसी दिन देर रात 10 बजे गोरखनाथ थाना क्षेत्र की जनप्रिय विहार कॉलोनी में मां-बेटे ने भी जहर खाकर अपनी जान दे दी.

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आत्महत्या के दो मामलों से इलाकों में सनसनी फैल गई. दोनों ही मामलों में आत्महत्या की वजह आर्थिक तंगी बताई जा रही है. पुलिस ने बताया कि  जनप्रिय विहार कॉलोनी की रहने वाली सरोज पत्नी स्वर्गीय सत्यनारायण राव और उनके बेटे मनीष राव ने मंगलवार देर रात 10:00 बजे जहर खा लिया.
गंभीर हालत में उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टर ने मेडिकल कालेज रेफर कर दिया. लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. 

मां-बेटे की मौत की सूचना से मोहल्ले में सनसनी फैल गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुट गई. बताया जा रहा है कि कुछ माह पहले सरोज पत्नी स्वर्गीय सत्यनारायण ने 69 लाख में अपना मकान बेच दिया था. लेकिन दोनों मां-बेटा उसी मकान में छह माह का समय लेकर रह रहे थे.

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बड़े बेटे ने चालाकी से हड़पे रुपये
पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि सत्यनारायण राव बैंक में काम करते थे. कुछ साल पहले उनकी मृत्यु हो गई. मृत्यु के बाद 55 वर्षीय पत्नी सरोज देवी अपने दो बेटों श्रीश राव और 25 वर्षीय मनीष के साथ रहती थी. कुछ माह पहले उन्होंने जनप्रिय बिहार के मकान को 69 लाख रुपये में बेच दिया. उन रुपयों को मां और बड़े बेटे के ज्वाइंट बैंक अकाउंट में रखा गया था. लेकिन बड़े बेटे ने चुपके से खाते को अलग करवा लिया. फिर मां के खाते में रखे पैसों को भी चालाकी से निकलवार उससे एक अलग जगह मकान और गाड़ी खरीद ली. जब इस मामले की जानकारी मां को हुई तो वह नाराज हुईं. बड़े बेटे को उन्होंने डांट दिया, जिससे नाराज होकर बड़ा बेटा ससुराल में जाकर रहने लगा. अब सरोज देवी के पास पैसे नहीं बचे थे. उन्हें छोटे बेटे मनीष की चिंता सताने लगी. मां को देख मनीष भी परेशान रहने लगा. इसी के चलते दोनों ने मंगलवार रात को जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली.

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