उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को किसान महापंचायत होने वाली है. जानकारी के मुताबिक महापंचायत में देशभर के 300 से अधिक किसान संगठन शामिल हो रहे हैं. 60 किसान संगठन पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से हैं. ऐसे में एक तरफ जहां महापंचायत में भाग लेने के लिए हजारों किसान मुजफ्फरनगर पहुंचने लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ महापंचायत को देखते हुए यूपी पुलिस भी अलर्ट पर है.
वहीं किसानों ने 500 लंगर शुरू किए हैं. इसके अलावा 100 चिकित्सा शिविर भी लगाए जा रहे हैं. साथ ही महापंचायत को ठीक ढंग से करने के लिए 5000 वॉलंटियर भी बनाए गए हैं. जीआईसी मैदान में होने वाली किसान महापंचायत को आसपास के मैदानों से भी लाइव देखा जा सकता है.
कई जिलों की पुलिस बुलाई गई
अपर पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक रईस अख्तर भी पंचायत के दौरान मुजफ्फरनगर में मौजूद रहेंगे. इसके अलावा एसपी संजीव वाजपेई, एसपी शिवराम यादव की तैनाती की गई है. साथ ही सीओ चमन चावड़ा, अरुण कुमार, पीपी सिंह भी तैनात किए गए हैं. मुजफ्फरनगर में कोई अप्रिय घटना ना हो, इसके लिए कई जिलों की पुलिस बुलाई गई है.
इसके अलावा पंजाब की फार्म संगठनों ने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ झूठे मुकदमे वापस लेने के लिए पंजाब सरकार को 8 सितंबर की समय सीमा दी है. दूसरी तरफ भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं के खिलाफ काले झंडों के साथ विरोध प्रदर्शन भी जारी है. जिसमें हिमाचल प्रदेश के किसानों ने शुक्रवार को कृषि एवं बागवानी मंत्री का घेराव किया.
इस पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भाजपा नेताओं के खिलाफ विरोध जारी है. यह अब हिमाचल प्रदेश में भी फैल गया है. शुक्रवार को सेब के दामों में आई तेज गिरावट को लेकर हिमाचल प्रदेश के ठियोग के फल किसानों ने हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर और बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का कई घंटों तक घेराव किया और राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया.
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हिमाचल में भी प्रदर्शन
हिमाचल के किसानों ने 13 सितंबर को कॉर्पोरेट लूट के विरोध में प्रदर्शन की घोषणा की है. वहीं नासिक में किसानों ने टमाटर के लिए दो-तीन रुपये प्रति किलो की मामूली कीमत मिलने पर सड़कों पर टमाटर फेंक कर विरोध प्रदर्शन किया. मोर्चा ने कहा है कि टमाटर हो या सेब, सभी फलों, सब्जियों, कृषि उत्पादों, वनोपज, दूध, मछली की एमएसपी पर खरीद की गारंटी देने की जरूरत है. इसलिए 600 किसानों की शहादत के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है और मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा.
मिशन उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड का शुभारंभ
संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत मिशन उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड का शुभारंभ करेगी. वहीं यह भी कहा गया कि महापंचायत का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. चुनाव 6 महीने बाद हैं. उत्तर प्रदेश में किसानों को परेशानी हो रही है. पिछले 5 साल से राज्य में गन्ने के दाम नहीं बढ़े हैं, लेकिन बिजली के दाम बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार ने गन्ने के दाम में 5 रु प्रति किलो की बढ़ोतरी की है. क्या आप किसानों का अपमान कर रहे हैं.
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वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 5 सितंबर की महापंचायत योगी-मोदी सरकारों को किसानों, खेत मजदूरों और कृषि आंदोलन के समर्थकों की ताकत का एहसास कराएगी. किसान महापंचायत यह भी साबित करेगी कि मोर्चा के नेतृत्व में 9 महीने लंबे कृषि आंदोलन को सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों, छोटे व्यापारियों और समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर महापंचायत पिछले नौ महीनों में अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होगी.
500 लंगर सेवाएं शुरू की गईं
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों द्वारा चलाई जा रही मोबाइल लंगर व्यवस्था सहित किसानों के लिए भोजन की व्यवस्था के लिए 500 लंगर सेवाएं शुरू की गई हैं. इसके साथ ही महापंचायत में भाग लेने वाले किसानों की चिकित्सा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 100 चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा ने विशेष रूप से मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों के नागरिकों से अपील की है कि कल 5 सितंबर को होने वाली महापंचायत में भाग लेने के लिए समय निकालकर बाहर से आने वाले किसानों की मदद करें. संयुक्त किसान मोर्चा के सभी प्रमुख नेता महापंचायत को संबोधित करेंगे. महापंचायत में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अभियान के कार्यक्रमों के साथ ही भारत बंद से जुड़ी अहम घोषणा भी की जाएगी.