केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि कुछ लोग फतवों की इज्जत को मिटाने पर तुले हुए हैं. उन्होंने कहा कि आजकल स्थिति यह है कि मुस्लिम फतवे ठेले पर सब्जी की तरह बिकने लगे हैं इसलिए इनकी कोई अहमियत नहीं रह गई है.
नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर नकवी लखनऊ में संवाददाताओं से रूबरू हो रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार देश के सवा सौ करोड़ लोगों के विकास के लिए संकल्पबद्ध है. जब सबका विकास होगा तो अल्पसंख्यकों का विकास अपने आप हो जाएगा. फिर भी केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों का ध्यान रखते हुए उनके लिए कई योजनाएं अलग से शुरू की हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कि सरकार ने उस्ताद योजना शुरू की है. इसके अलावा बुनकरों और दस्तकारों को बाजार उपलब्ध कराने में उनकी मदद करने की योजना भी बनाई है. नकवी ने कहा कि सरकार अपने खर्च पर छोटे पैमाने पर दस्तकारी कर रहे कलाकारों को प्रमोट करने का काम करेगी. उन्होंने बताया कि सरकार अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के विकास को प्राथमिकता के आधार पर कराएगी.
'कुछ लोग भ्रम की स्थिति में हैं'
नकवी ने आगे कहा, 'केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद हम कह सकते हैं कि सत्ता के गलियारों से बिचौलियों का सफाया हो गया है. अब देश में सुशासन की बयार बह रही है और विदेशों में भी भारत की साख बढ़ी है.'
सूर्य नमस्कार पर बढ़ रहे विवाद पर नकवी ने कहा कि योग को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिनके मन में योग को लेकर भ्रम की स्थिति है उनकी भी मनोस्थिति योग से ही ठीक होगी.
-इनपुट IANS से