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मुख्तार के काफिले पर कई बार लगा था ब्रेक, कभी ड्राइवर चेंज तो कभी सड़क पर आए आवारा जानवर

करीब 900 किलोमीटर की यात्रा के बाद बुधवार तड़के 4:30 बजे मुख्तार अंसारी का काफिला बांदा जेल पहुंचा. एंबुलेंस में सवार मुख्तार को सीधे बैरक नंबर-16 में पहुंचाया गया.

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मुख्तार अंसारी का काफिला
मुख्तार अंसारी का काफिला
स्टोरी हाइलाइट्स
  • करीब 14 घंटे में मुख्तार पहुंचा बांदा
  • कल 2 बजे रोपड़ से निकला था काफिला

पंजाब की रोपड़ जेल में दो साल बिताने के बाद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को बुधवार की सुबह बांदा जेल लाया गया. करीब 900 किलोमीटर की यात्रा के बाद बुधवार तड़के 4:30 बजे मुख्तार का काफिला बांदा जेल पहुंचा. एंबुलेंस में सवार मुख्तार को सीधे बैरक नंबर-16 में पहुंचाया गया.

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सुप्रीम कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस मंगलवार को मुख्तार अंसारी को वापस लाने के लिए पंजाब की रोपड़ जेल पहुंची. 57 वर्षीय मुख्तार को यूपी पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया और उसे बांदा जेल वापस लाया. रोपड़ जेल में मेडिकल जांच के बाद उसे यूपी पुलिस को सौंपने से पहले औपचारिकताओं को पूरा करने में लगभग दो घंटे लग गए.

इसके बाद रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को लेकर यूपी पुलिस का काफिला निकला. इस काफिले में दर्जनों गाड़ियां थीं, जिसमें आधुनिक हथियारों से लैस करीब 150 जवान मौजूद थे. यूपी के फिरोजाबाद जनपद में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर मुख्तार अंसारी का काफिला 10:10 पर प्रवेश हुआ. 15 मिनट बाद फिरोजाबाद और इटावा के बीच में काफिले को रोक दिया गया.

करीब 7 मिनट तक काफिला रुका रहा. दरअसल बताया गया कि काफिले को इसलिए रोका है क्योंकि ड्राइवर चेंज हुआ था. इसके अलावा पुलिसकर्मी जो सिक्योरिटी में तैनात थे, उनको लघु शंका आई थी. हालांकि सुरक्षा के भारी बंदोबस्त थे. किसी मीडिया कर्मी को भी एंबुलेंस के पास तक नहीं फटकने दिया जा रहा था.

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रात 1:00 बजे मुख्तार अंसारी को बांदा लेकर जा रही पुलिस पार्टी ने कानपुर देहात के भोगनीपुर के रास्ते में प्रवेश किया. यहां से रास्ता सिंगल रूट था. लिहाजा गाड़ियों की स्पीड में काफी कमी आई. काफिला जैसे ही कानपुर देहात के सिकंदरा थाना क्षेत्र में पहुंचा अचानक बज्र वाहन की गाड़ी को रोककर जवानों को बदला गया. 

इसके बाद रात करीब 1.30 बजे पुलिस का काफिला सत्ती थाना क्षेत्र में कुछ देर के लिए रोका गया. सत्ती थाने के एसओ कपिल दुबे ने बताया, 'मुख्तार ने सत्ती पुलिस स्टेशन परिसर में टॉयलेट का इस्तेमाल किया, वह लगभग 5 मिनट तक थाने के अंदर रहा. इससे पहले करीब 1.10 बजे काफिला कुछ आवारा पशुओं के कारण भोगनीपुर और घाटमपुर के बीच रुका था.

आखिरकार करीब 14 घंटे का सफर तय करने के बाद मुख्तार अंसारी का काफिला सुबह 4:30 बजे बांदा जेल पहुंचा. इस बीच बांदा जेल को पुलिस छावनी में बदल दिया गया. मुख्तार अंसारी को बांदा जेल की बैरक नंबर-5 में रखा जाएगा. बैरक के अंदर तीन सुरक्षाकर्मी चौबीस घंटे पहरा देंगे. बांदा जेलर प्रमोद तिवारी ने इसकी पुष्टि की.

बांदा जेलर प्रमोद तिवारी का कहना है कि सुरक्षाकर्मियों को जेल परिसर के बाहर भी तैनात किया गया है, बैरक नंबर 15 में, जहां अंसारी को रखा जाएगा, वहां रोशनी, पीने के पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था की गई है, इस बैरक में किसी अन्य कैदी की एंट्री नहीं होगी, मुख्य जेल परिसर का गेट, जो आमतौर पर खुला रहता है, अब बंद रखा जाएगा.

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इसके साथ ही बांदा जेल के बाहर ऊंचे टॉवर लगाए गए हैं और हर आने-जाने वाले पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस पिकेट भी स्थापित किए गए हैं. बांदा के सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मुकेश कुमार यादव ने कहा कि अंसारी के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर चार डॉक्टरों का एक पैनल गठित किया गया है.

 

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