लाख जतन करने के बावजूद मुजफ्फरनगर दंगे की छाया समाजवादी पार्टी का पीछा नहीं छोड़ रही है. दंगों के दौरान पार्टी की भूमिका से नाराज मुसलमानों पर मरहम लगाने के उद्देश्य से 24 फरवरी को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आ रहे मुलायम सिंह यादव का संस्थान में विरोध शुरू हो गया है.
छात्रों ने मुलायम का कार्यक्रम रद्द किए जाने की मांग की है. हालांकि सपा मुखिया के विरोध को लेकर एएमयू कैंपस में छात्रों-शिक्षकों में भी खेमेबंदी भी उत्पन्न्न्न हो गई है. शनिवार को एएमयू में छात्रों ने मौलाना आजाद लाइब्रेरी से लेकर बाबे सैयद तक मार्च निकाला और मुलायम सिंह यादव के आगमन के विरोध में 'मुलायम गो बैक' के नारे लगाए. छात्रों का गुस्सा मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान सपा की भूमिका को लेकर है. छात्रों का कहना था कि दंगे में 100 लोग मारे गए. हजारों बेघर हुए. राहत शिविरों पर बुलडोजर चलवाया गया.
एएमयू के कैनेडी हॉल में मुलायम के कार्यक्रम को लेकर छात्र इंतजामिया से भी नाराज थे. छात्रों का कहना था कि वे हॉलों में जाकर मुलायम के कार्यक्रम का विरोध करने की अपील छात्रों से करेंगे।.बाद में छात्रों ने प्रॉक्टर डॉ. जमशेद सिद्दीकी के माध्यम से रजिस्ट्रार को ज्ञापन देकर मुलायम सिंह यादव का कार्यक्रम रद्द करने की मांग की. इस बीच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (अमुटा) कार्यकारिणी ने भी मुलायम के कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
सचिव डॉ. आफताब आलम ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के जख्म आज भी ताजा हैं, जिसमें सपा की भूमिका अत्यंत शर्मनाक रही है. समाजवादी पार्टी की सरकार न सिर्फ दंगों को नियंत्रित करने में असफल रही अपितु दंगों के उपरांत पीडि़त के परिवारों के पुनर्वास और सुरक्षा में पूर्णत: विफल रही है. इन दंगों में लगभग पचास हजार लोगों को अपने गांवों और घरों से पलायन करना पड़ा था. अमुटा ने कुलपति से कैनेडी हाल के कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की है. दूसरी तरफ अमुटा के ही कुछ कार्यकारिणी सदस्यों ने बहिष्कार के फैसले को अलोकतांत्रिक करार दिया हैं.